मुंबई में कोरोना मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। मुंबई में बुधवार को 739 पॉजिटिव केस आए। ये मामले 1 फ़रवरी के बाद सबसे ज़्यादा हैं। एक दिन पहले मंगलवार को 506 नए कोविड मामले दर्ज किए गए थे। अप्रैल की अपेक्षा मई में 100 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले बढ़ गए हैं। शहर में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 8.4 फ़ीसदी हो गया है जो एक दिन पहले तक 6 फ़ीसदी था। पॉजिटिविटी रेट से मतलब है कि प्रति 100 लोगों की जाँच पर 8.4 या 6 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। आम तौर पर 5 फ़ीसदी से ज़्यादा पॉजिटिविटी दर होने पर हालात ख़राब माने जाते हैं।
यही वजह है कि शहर में कोरोना जाँच में तेजी लाने का फ़ैसला लिया गया है। बृहन्मुंबई नगर निगम यानी बीएमसी के अधिकारियों ने बुधवार को कहा है कि युद्ध स्तर पर जाँच को तुरंत बढ़ाया जाए।
जाँच प्रयोगशालाओं को भी पूरी तरह से सक्रिय और सभी कर्मचारियों को मौजूद रहने के लिए कहा गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी के बयान में चेताया गया है, 'मुंबई में दैनिक नए मामलों में जबरदस्त वृद्धि हुई है, मानसून के आने के साथ अब हम लक्षण वाले मामलों में तेजी से वृद्धि देखेंगे।'
बीएमसी ने अब 12-18 साल की श्रेणी में टीकाकरण अभियान और बूस्टर खुराक को आक्रामक तरीक़े से आगे बढ़ाने के लिए कहा है। लक्षण वाले मामलों में तेज वृद्धि की आशंका के मद्देनज़र बीएमसी ने जंबो फील्ड अस्पतालों को पर्याप्त रूप से स्टाफ रखने और अलर्ट पर रखने के लिए कहा है।
निजी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है। अन्य उपायों जैसे वार्ड वार रूम की स्थिति की समीक्षा करना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है ताकि वे पूरी तरह से कर्मचारियों, चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस से लैस रहें।
ओमिक्रॉन के नये सब वैरिएंट के मरीज मिले
महाराष्ट्र में चार दिन पहले ही ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट बीए-4 के चार मरीज पाए गए हैं। इनके अलावा बीए 5 वैरिएंट के भी तीन मरीज पाए गए हैं। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बीते शनिवार शाम को दी थी। उन्होंने कहा कि उन सभी में केवल हल्के लक्षण थे और उनका इलाज घर पर ही किया गया।
दक्षिण अफ्रीका सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में अप्रैल में ओमिक्रॉन के वैरिएंट पाए गए, लेकिन राज्य में तब कोई मामला सामने नहीं आया था। लेकिन अब ये मामले आने के बाद चिंताएँ बढ़ गई हैं।
तो क्या भारत में कोरोना की अगली लहर जल्द ही आ सकती है? आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने फरवरी महीने में आकलन पेश कर कहा था कि देश में कोरोना की चौथी लहर अगले 4 महीने में यानी जून में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है।
शोध के अनुसार, भारत में जून के मध्य से जून के अंत तक चौथी लहर आ सकती है। अध्ययन का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया है। अध्ययन को MedRxiv में प्री-प्रिंट के रूप में प्रकाशित किया गया।
शोधकर्ताओं ने कहा था कि डेटा बताते हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर प्रारंभिक डेटा उपलब्ध होने की तारीख़ से 936 दिनों के बाद आएगी। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को आया था। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी।