यूक्रेन में फँसे भारतीय छात्रों की पीड़ा सामने आने के साथ सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे भी दावे किए जा रहे हैं जो सरकार की सक्रियता को बढ़ा-चढ़ा कर बता रहे हैं। ऐसा ही दावा सोशल मीडिया पर किया गया कि यूक्रेन में फँसे भारतीयों को निकालने के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध वाले हवाई क्षेत्र में एयर इंडिया का विमान घुसा।
सोशल मीडिया के ऐसे कुछ अपुष्ट दावों के आधार पर तो कुछ वेबसाइटों ने ख़बर भी प्रकाशित कर दी। कुछ संपादकों ने भी बिना पुस्टि के ही इन दावों को लेकर ट्विटर पर पोस्टें भी लिखीं। पढ़िए, आख़िर इन दावों का सच क्या है और किस आधार पर उन्होंने ऐसे दावों को साझा किया।
दावों का सच जानने से पहले यह जान लीजिए कि किन लोगों ने इस मामले से जुड़ी क्या जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। सचिन त्यागी नाम के यूज़र ने ट्वीट किया, 'रूस यूक्रेन युद्ध क्षेत्र के आसमान पर उड़ रहा ये अकेला विमान नए भारत की ताक़त दिखा रहा है। जब किसी देश ने वहां उड़ान भरने की हिम्मत नहीं की तो वह एयर इंडिया है जो वहां फंसे भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट करने जा रहा है।'
कुछ ऐसा ही दावा रायना नाम के यूज़र ने ट्विटर पर किया और लिखा, 'रूस यूक्रेन युद्ध क्षेत्र के आसमान पर उड़ रहा ये अकेला विमान नए भारत की ताक़त दिखा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के काबिल नेतृत्व में यह नया भारत है। यह अकेली तसवीर पूरी कहानी बयां करती है।'
और तो और पत्रकार अमीश देवगन ने भी इसी तसवीर को साझा करते हुए दावा किया कि यह नया भारत है। हालाँकि अमीश देवगन ने बाद में यह ट्वीट डिलीट कर दिया। ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने उस ट्वीट के आर्काइव वर्जन का लिंक ट्वीट किया है जिसमें अमीश देवगन के डिलीट किए गए ट्वीट को देखा जा सकता है।
ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर इन दावों के आधार पर रिपब्लिक टीवी ने एक ख़बर भी प्रकाशित कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, रिपब्लिक टीवी ने ये तसवीर एक ख़बर में पब्लिश की जिसकी हैडलाइन है, “रूस-यूक्रेन वॉरज़ोन के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाला एयर इंडिया अकेला बहादुर एयरलाइनर: रिपोर्ट'। बाद में यह रिपोर्ट भी हटा ली गई।
दरअसल, इस मामले में 24 फ़रवरी से यूनाइटेड किंगडम स्थित रीयल-टाइम फ़्लाइट ट्रैकिंग सेवा प्लेनफ़ाइंडर का एक स्क्रीनशॉट वायरल है। यह तसवीर एयर इंडिया ट्रेजेक्टरी की उड़ान संख्या 121 (AI121) की है। इसी को लेकर दावा कर दिया गया कि ये यूक्रेन में फँसे हुए भारतीयों को बचाने के लिए वॉरज़ोन में उड़ान भरने वाला विमान है। जबकि सचाई कुछ और है।
ख़बरों की सत्यता की पड़ताल करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने इस तसवीर की भी पड़ताल की है। रिपोर्ट के अनुसार 24 फ़रवरी को ट्विटर यूज़र @QuebecTango ने वायरल तसवीर को पोस्ट करते हुए लिखा था कि कथित AI121 नो-फ्लाई ज़ोन में उड़ रहा था।
ऑल्ट न्यूज़ के अनुसार, हालाँकि @QuebecTango ने इस तसवीर शेयर करने के एक दिन बाद दावा किया, "अंतिम रिजल्ट: ये ऐप में एक गड़बड़ी की वज़ह से हुआ था। ये खुद ठीक हो गया लेकिन स्क्रीनग्रैब लेने से पहले ठीक नहीं हुआ था। मैंने स्क्रीनग्रैब देखकर गड़बड़ी महसूस किए बिना ही तुरंत ट्वीट कर दिया था। अंतिम रिज़ल्ट: इसके 'नकली' होने का दुख है लेकिन फिर भी इस मज़ाक से खुश हूं।"
वायरल तसवीर में भी दिखता है कि उड़ान AI121 यूक्रेन नहीं फ्रैंकफ़र्ट (जर्मनी) जा रही है। एक तथ्य यह भी है कि 24 फरवरी को यूक्रेन में नो फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया था और इसी वजह से 24 फ़रवरी को यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के विमान को दिल्ली वापस बुला लिया गया था। और 25 फ़रवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, 'यूक्रेन से निकाले गए लोगों का पहला जत्था सुशिवा बॉर्डर से रोमानिया पहुँचा।'
यानी साफ़ है कि जब सुरक्षित निकालने के लिए पहुँचे विमान में पहला जत्था 25 जनवरी को आया तो 24 जनवरी की उस तसवीर को लेकर सोशल मीडिया पर जो दावे किए गए वे ग़लत थे।