कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरूवार को जांच एजेंसी ईडी के सामने पेश हुई जहां उनसे पहले दौर की पूछताछ हुई है। उन्हें ईडी ने 25 जुलाई को फिर से बुलाया है। सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड मामले में समन किया गया था। इसके विरोध में कांग्रेस देश भर में सड़कों पर उतर आई है।
ईडी ने सोनिया गांधी को पहले भी समन किया था लेकिन तब कोरोना से संक्रमित होने के कारण वह ईडी के सामने पेश नहीं हो सकी थीं। ईडी दफ्तर पहुंचने तक सोनिया के साथ राहुल व प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया है। इनमें पी. चिदंबरम, अजय माकन, शशि थरूर सहित कई नेता शामिल हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी ईडी दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया है।
युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कनॉट प्लेस में जनपथ रोड के नजदीक प्रदर्शन किया है। कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वहां लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काबू में करने के लिए पुलिस ने पानी की तेज बौछार छोड़ी। बीजेपी ने कांग्रेस के प्रदर्शन की निंदा की है।
कांग्रेस ने कहा है कि वह ईडी और सीबीआई जैसी सरकार की कठपुतलियों से नहीं डरती। नई दिल्ली में अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान भी मौके पर तैनात हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के लिए दो कानून बनाए हैं विपक्ष के लिए एक और सत्तापक्ष के लिए दूसरा। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और लोग डरे हुए हैं।
राहुल की पेशी पर हुआ था प्रदर्शन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी के दौरान कांग्रेस ने कई दिन तक राजधानी दिल्ली और तमाम बड़े शहरों में जोरदार प्रदर्शन किया था और इस दौरान कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उसके नेताओं के साथ दिल्ली पुलिस ने ज़्यादती की है और तब पुलिस के कांग्रेस मुख्यालय में घुसने को लेकर काफी बवाल हुआ था।
ईडी ने राहुल गांधी से कई दिन तक और कई घंटों तक लगातार पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे।
कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में उसके नेताओं पर लगे आरोपों को बदले की राजनीति करार दिया है। पार्टी ने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि जांच एजेंसी मोदी सरकार के इशारे पर विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था।
यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे।