आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की दो कंपनियों अमेरिका की चैट जीपीटी (ओपनएआई) और चीन की डीपसीक को लेकर भारत सहित तमाम देशों में लोगों को सतर्क किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसका इस्तेमाल न करें। भारत में वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को सरकारी दस्तावेजों और डेटा की गोपनीयता का हवाला देते हुए चैटजीपीटी और डीपसीक सहित सभी एआई टूल का इस्तेमाल करने से बचने के लिए कहा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने डेटा सुरक्षा जोखिमों का हवाला देते हुए डीपसीक के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए हैं। भारत का घटनाक्रम तो काफी दिलचस्प है। चैटजीपीटी की मालिक ओपनएआई प्रमुख सैम ऑल्टमैन बुधवार को भारत पहुंचे हैं और उसी दौरान वित्त मंत्रालय ने यह निर्देश जारी कर दिया। ऑल्टमैन भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और पीएम मोदी से भी मिलने वाले हैं।
दरअसल, भारतीय वित्त मंत्रालय ने तो एआई को लेकर अपनी सलाह 29 जनवरी को ही जारी कर दी थी। मंत्रालय की सलाह में कहा गया है- "यह तय किया गया है कि कार्यालय के कंप्यूटर और उपकरणों में एआई उपकरण और एआई ऐप्स (जैसे चैटजीपीटी, डीपसीक आदि) डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।" वित्त मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने इस सलाह की पुष्टि की और कहा कि यह आंतरिक रूप से जारी किया गया था।
भारत के बड़े मीडिया हाउसों के साथ ओपनएआई हाई-प्रोफाइल कॉपीराइट उल्लंघन की लड़ाई की वजह से आलोचना के केंद्र में है। अदालत में दायर याचिका में कहा है कि देश में इसके सर्वर नहीं हैं और भारतीय अदालतों को इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए।
यूएस के टेक्सास राज्य ने चीनी एआई डीपसीक पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, डीकसीक के अमेरिकी एआई मॉडलों को चुनौती देने के बाद यह प्रतिबंध सामने आया है। टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट ने संभावित सरकारी डेटा चोरी पर चिंता का हवाला देते हुए, राज्य द्वारा जारी उपकरणों में डीपसीक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध जारी किया।
टेक्सास के गवर्नर ने डीपसीक पर बैन जारी करते हुए कहा, “टेक्सास चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को डेटा-हार्वेस्टिंग एआई और सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से हमारे राज्य के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में घुसपैठ करने की अनुमति नहीं देगा।” टेक्सास ने एक अन्य वायरल चीनी ऐप रेडनोट पर भी प्रतिबंध जारी किया है, जो असीमित छोटी वीडियो क्लिप्स देता है।
इटली के बाद चीन के पड़ोसी ताइवान ने भी डीपसीक पर रोक लगा दी है। ताइवान को वैसे भी चीन से खतरा रहता है। ताइवान चिंतित है कि डीपसीक उनके देश के लिए सुरक्षा खतरा पैदा करेगा। ताइवान पर चीन हमले भी कर चुका है। हालांकि डीपसीक पर पूरे यूएस में बैन नहीं किया गया है।
चीन में बहुत कम पैसे खर्च कर और समय का इस्तेमाल करके विकसित डीपसीक का आर-1 एआई मॉडल जनवरी के आखिरी सप्ताह में वायरल हुआ था। ओपन एआई के चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी एआई को पीछे छोड़ते हुए डीपसीक अमेरिका में शीर्ष एआई ऐप बन गया। इससे अमेरिका में शेयर बाजार में गिरावट आ गई, अग्रणी एआई-संचालित चिप निर्माता एनवीआईडीआईए के शेयरों में गिरावट आई और अमेरिकी निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
यूएस के बड़े उद्योगपति एलोन मस्क भी डीपसीक का विरोध कर चुके हैं। मस्क ने हाल ही में डीपसीक के दावों का मजाक उड़ाया था। इसकी जल्द सफलता पर संदेह जताया और कहा कि डीपसीक अपने हार्डवेयर संसाधनों के बारे में पूरी तरह से पारदर्शी नहीं है। दरअसल, डीपसीक ने यूएस की कंपनी के हार्डवेयर पर अपने एआई मॉडल को खड़ा किया था। लेकिन मस्क ने इस तथ्य पर कुछ नहीं कहा कि डीपसीक अमेरिकी एआई मॉडलों के मुकाबले बहुत सस्ता है।