किसानों को रौंद दिए जाने की लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कांग्रेस तमाम राज्यों में आवाज़ उठा रही है। शनिवार को युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की कि मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।
गर्म है सियासी माहौल
लखीमपुर की घटना के बाद से ही उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल बेहद गर्म है। कांग्रेस, एसपी, आम आदमी पार्टी सहित कई दलों के नेता लखीमपुर जाकर पीड़ित परिवारों से मिल चुके हैं और किसानों को रौंद डालने की घटना के अभियुक्तों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डालने की मांग कर रहे हैं।
युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि लखीमपुर की घटना के लिए मोदी, शाह और योगी आदित्यनाथ पर लानत है। इस दौरान अमित शाह के घर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की गई थी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों को रौंदे जाने के जो वीडियो सामने आए हैं, उन्हें लेकर विपक्ष और आम लोग सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि किसानों को रौंदने वाले अब तक आज़ाद क्यों घूम रहे हैं।
अभियुक्तों की गिरफ़्तारी न होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी उत्तर प्रदेश सरकार को डांट चुका है। विपक्ष, मीडिया और आम लोगों का इतना जबरदस्त दबाव है कि बीजेपी बुरी तरह फंस गई है लेकिन बावजूद इसके वह आशीष मिश्रा को गिरफ़्तार करने का जोख़िम नहीं उठा पा रही है।
लगातार बढ़ रहे किसान आंदोलन की वजह से निश्चित रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा प्रदेश के अन्य इलाक़ों में भी बीजेपी को सियासी नुक़सान हो सकता है। क्योंकि लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किसान पूरी ताक़त के साथ एकजुट हुए हैं।
देखना होगा कि क्या मोदी सरकार अपने मंत्री का इस्तीफ़ा लेती है और क्या किसान, कांग्रेस और बाक़ी विपक्षी दल लखीमपुर खीरी की घटना के ख़िलाफ़ रण छेड़कर उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सियासी ज़मीन हिला पाते हैं।