सरकार ने मंकीपॉक्स वायरस के ख़िलाफ़ टीका विकसित करने के लिए रुचि रखने वालों से आवेदन मांगे हैं। सरकार का यह निर्णय तब आया है जब भारत में मंकीपॉक्स के कम से कम 4 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और कई जगहों पर संदिग्ध मामले आए हैं। कुछ दिन पहले ही विश्व स्वास्थ संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इसने दुनिया के सभी देशों को सावधान किया है।
मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार ने रविवार को ही एक समीक्षा बैठक की थी। दिल्ली में 34 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने के बाद यह उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई गई।
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, डीजीएचएस और निदेशक एनसीडीसी ने संयुक्त निगरानी समूह के साथ यह बैठक की। राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को कड़ी निगरानी की सलाह दी गई। दिल्ली सरकार को मंकीपॉक्स केस के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की सलाह दी गई।
बहरहाल, केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स के ख़िलाफ़ वैक्सीन के विकास और इस संक्रमण के निदान के लिए डायग्नोस्टिक किट के विकास में संयुक्त सहयोग के लिए अनुभवी निर्माताओं से एक्सप्रेशन ऑफ़ इंटरेस्ट (ईओआई) यानी आम भाषा में कहें तो आवेदन आमंत्रित किया है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कहा है कि वैक्सीन उम्मीदवार और डायग्नोस्टिक किट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित किया जा सकता है और उस आवेदन को जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त होगी।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि 78 देशों में 18,000 से अधिक पुष्ट मामले सामने आए हैं। 70 प्रतिशत से अधिक मामले यूरोपीय क्षेत्र से हैं, और 25 प्रतिशत अमेरिका से हैं।
कितना घातक है यह?
अफ्रीका से बाहर फैली इस बीमारी से मौतें न के बराबर हुई हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार मध्य अफ्रीकी नस्ल के लिए 1-3 प्रतिशत मृत्यु दर या 10-13 प्रतिशत मृत्यु दर भी देखी गई है। इस बीमारी की मृत्यु दर इस बात पर निर्भर करती है कि रोगियों की देखभाल कैसे की जाती है। यदि कोई मरीज घर पर है, जहां कोई ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं है, कोई आईसीयू नहीं है, कोई चिकित्सा पेशेवर मरीज की देखभाल नहीं कर रहा है तो उसकी मृत्यु का जोखिम अधिक होता है।
ग्रामीण अफ्रीका में मृत्यु दर ज़्यादा रही है, लेकिन अच्छी स्वास्थ्य देखभाल और दवाओं वाले देशों में मृत्यु दर 1 प्रतिशत से नीचे या 0 प्रतिशत रही है।
दुनिया में कहीं टीका उपलब्ध है या नहीं?
डेनमार्क स्थित एक कंपनी बवेरियन नॉर्डिक ने मंकीपॉक्स के लिए एक टीका विकसित किया है, लेकिन यह कितना प्रभावी है, इसका आँकड़ा नहीं है। डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि "बवेरियन नॉर्डिक में 16 मिलियन खुराक हैं, जो अमेरिकी भंडार का हिस्सा हैं। अमेरिका ने उनमें से कुछ खुराक कुछ अन्य देशों को दान कर दी हैं।'
इस वैक्सीन के आने से पहले तक कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि मंकीपॉक्स के ख़िलाफ़ चेचक वाले टीके का इस्तेमाल किया जाता रहा। उन रिपोर्टों में चेचक वाले टीके को 85% सुरक्षा प्रदान करता बताया गया क्योंकि दोनों वायरस काफी समान हैं। हालाँकि, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में पहले कहा गया था कि इसके भी मामले सामने आए हैं जिसमें स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगाए व्यक्ति को मंकीपॉक्स का संक्रमण हो गया।