कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शनिवार सुबह दिल्ली पहुंच गई। दिल्ली में यह यात्रा आश्रम चौक से होते हुए आईटीओ, नेताजी सुभाष मार्ग से होते हुए लाल किले तक पहुंची। जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित किया। यात्रा के दिल्ली पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के हजारों कार्यकर्ताओं ने इसका जोरदार स्वागत किया।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए हैं।
इससे पहले हरियाणा में राहुल गांधी ने एक बार फिर बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला और कहा कि इन संगठनों के लोग डर और नफरत फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ है और इस यात्रा में हर जाति-धर्म के लोग शामिल हुए हैं।
इस बीच, राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि जो मोहब्बत इनसे मिली है, वही देश से बांट रहा हूं।
भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा का सफर तय करते हुए दिल्ली पहुंची है।
शुक्रवार को जब यह यात्रा हरियाणा के फरीदाबाद में थी तो इसमें डीएमके की सांसद कनिमोझी भी शामिल हुई थीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वह इस यात्रा में शामिल होकर बेहद खुश हैं। बता दें कि तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस मिलकर सरकार चला रहे हैं। जब यह यात्रा 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी तो राज्य के मुख्यमंत्री और कनिमोझी के भाई एम.के. स्टालिन ने राहुल गांधी के हाथ में तिरंगा झंडा सौंपा था।
'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान
कांग्रेस ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा पहले एक अभियान बनी और अब आंदोलन का रूप ले चुकी है। हर स्तर पर कांग्रेस का लोगों से निरंतर संवाद बना रहे इसलिए 26 जनवरी को 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान शुरू होगा, जो दो महीने तक चलेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हमें जनता से संवाद जारी रखना है और जनता से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाते रहना है।
भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। यात्रा 3000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। यात्रा को तमाम जगहों पर अच्छा-खासा समर्थन मिला है। कांग्रेस का कहना है कि यह यात्रा उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करने में कामयाब रही है।
9 दिनों का ब्रेक
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया था कि भारत जोड़ो यात्रा में 24 दिसंबर के बाद 9 दिनों का ब्रेक होगा, ताकि कंटेनरों को मरम्मत करके उत्तर भारत में पड़ने वाली कठोर सर्दी के लिए इन्हें तैयार किया जा सके। साथ ही इस यात्रा में शामिल कई लोग लगभग 4 महीने बाद अपने परिवार से मिलेंगे। 3 जनवरी 2023 को यात्रा फिर शुरू होगी।
'विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस जरूरी'
सत्य हिंदी से बातचीत में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि, “कमजोर कांग्रेस से विपक्ष मज़बूत नहीं होगा और सिर्फ़ एंटी मोदी मंच बनने से काम नहीं चलेगा। एक रचनात्मक कार्यक्रम बनाना होगा। लोगों के सामने प्रोग्राम रखना होगा और बताना होगा कि हम सरकार में आने पर क्या काम करेंगे। ऐसे में सिर्फ मोदी विरोधी प्लेटफ़ॉर्म बना देने भर से विपक्ष मज़बूत नहीं होगा।”
कश्मीर तक जाएगी यात्रा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर तक जाएगी। राहुल ने कहा कि सरकार ने नया आइडिया निकाला है और मुझे चिट्ठी लिखी है कि कोरोना आ रहा है, यात्रा बंद कर दो। उन्होंने कहा कि अब यात्रा को रोकने के लिए बहाने बनाए जा रहे हैं।
याद दिलाना होगा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी थी और इसमें भारत जोड़ो यात्रा को देश हित में स्थगित करने की अपील की थी।
चुनावी साल है 2023
साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2023 बेहद अहम है। साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में कर्नाटक, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना शामिल हैं।
2024 का लोकसभा चुनाव
कांग्रेस लंबे वक्त देश में एकछत्र शासन करती रही है। साथ ही देश के कई राज्यों में भी उसने अपने दम पर हुकूमत चलाई है लेकिन गठबंधन की राजनीति के दौर में कांग्रेस कमजोर होना शुरू हुई। 2004 से 2014 तक उसने केंद्र में गठबंधन सरकार चलाई। लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के साथ ही पार्टी को कई राज्यों में चुनावी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके अलावा बड़ी संख्या में कई वरिष्ठ नेता भी पार्टी छोड़कर चले गए। हालांकि हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों ने उसे ऊर्जा दी है।
अब जब 2024 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ डेढ़ साल का वक्त बचा है तो कांग्रेस एक बार फिर भारत जोड़ो यात्रा के जरिए संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। लेकिन 2023 में कांग्रेस का प्रदर्शन बताएगा कि वह 2024 में बीजेपी को कितनी चुनौती दे सकती है।