‘धर्मनिरपेक्षता’ योगी आदित्यनाथ के लिए क्या मायने रखती है? यह समझने के लिए आपको ज़्यादा कसरत करने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने ख़ुद ही इस पर राय रखी है। हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता माने जाने वाले योगी ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता वैश्विक स्तर पर भारतीय परंपरा के लिए बड़ा ख़तरा है। उन्होंने इसी संदर्भ में यह भी कहा कि जो लोग भारत के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं, उन्हें सज़ा भुगतनी होगी। उनके इस बयान से सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धर्मनिरपेक्षता की बात करने वालों को देश के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा फैलाने वाला मानते हैं?
योगी आदित्यनाथ का यह बयान शनिवार को आया है। वह ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ द रामायण की ‘कर्टेन रेजर' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
मुसलिमों को लेकर दिए अपने बयानों और अपनी नीतियों को लेकर अक्सर आलोचनाओं का सामना करते रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के प्रखर समर्थक रहे हैं। वह जब शनिवार को रामायण से जुड़ी किताब का विमोचन कर रहे थे तो उन्होंने हिंदू धर्म की तो बात की ही, इसके साथ प्राचीन समय में भारत क्या था और कहाँ-कहाँ तक फैला था, इसका भी ज़िक्र किया। उन्होंने कंबोडिया की अपनी यात्रा का भी ज़िक्र किया और मर्यादा पुरुषोत्तम राम और रामायण की महत्ता का बखान किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण को ट्वीट भी किया है। उन्होंने कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर परिसर में एक बौद्ध गाइड से बातचीत का वाकया सुनाया। उन्होंने कहा कि उस युवा गाइड ने कहा कि वह हिंदू नहीं है और एक बौद्ध है लेकिन उसने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म का उद्गम हिंदू धर्म से हुआ।
योगी ने कहा, 'कम्बोडिया में युवा लड़का जानता है कि वह बौद्ध है लेकिन यह भी जानता है कि बौद्ध धर्म की उत्पत्ति क्या है और वह अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकता है...। यदि आप भारत में ये बातें कहते हैं तो कई लोगों की 'सेक्युलरिज़्म' को ख़तरा पैदा हो जाता है। ये सेक्युलरिज़्म जो शब्द है यह सबसे बड़ा ख़तरा है भारत की इन समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने और वैश्विक मंच पर उसे एक स्थान मिल सके, वहाँ प्रस्तुत करने में। सबसे बड़ी बाधा है, मुझे लगता है, वह यही है।'
उन्होंने यह भी कहा कि हमें इससे बाहर आना होगा और विशुद्ध, स्वस्थ प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, 'अपने स्वयं के लाभ के लिए लोगों को गुमराह करने और देश को धोखा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग कुछ पैसे के लिए भारत के बारे में झूठी बातें फैला रहे हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी।'
मुख्यमंत्री ने हिंदू संस्कृति पर कथित तौर पर सवाल उठाने वालों को निशाना बनाया और कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों को खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जो अभी भी अयोध्या में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं।
योगी ने लोगों से अपील की कि वे छोटे सांप्रदायिक विवादों में शामिल होकर देश की मैत्रीपूर्ण भावना को न खोएँ। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि भगवान श्रीराम की संस्कृति पहली संस्कृति है, जिसने वैश्विक मंच पर अपना स्थान बनाया। इसके हज़ारों वर्ष बाद भगवान बुद्ध की संस्कृति वैश्विक मंच पर स्थापित हुई।
उन्होंने कहा कि रामायण और महाभारत की कहानियाँ बहुत कुछ कहती हैं। उन्होंने कहा, 'महाभारत और रामायण सिर्फ़ हमें जीवन के अच्छे संदेश ही नहीं देते, बल्कि यह हमें भारतीय सीमाओं विस्तार के बारे में भी कहीं अधिक बताते हैं।'