विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरुआती सबूतों से यह निष्कर्ष निकालना 'मूर्खतापूर्ण' होगा कि ओमिक्रॉन पिछले वाले की तुलना में कमजोर वैरिएंट है।
स्वामीनाथन की यह चेतावनी इसलिए अहम है क्योंकि अब तक आम तौर पर यह मानकर चला जा रहा है कि नया वैरिएंट उतना घातक नहीं है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने ही कहा था कि ओमिक्रॉन में सूखी खांसी, बुखार और रात को पसीना आना जैसे हल्के लक्षण दिखते हैं। हालाँकि, शुरू से ही विशेषज्ञ ठोस नतीजे आने तक कोई भी पक्का निष्कर्ष निकालने के प्रति चेता रहे हैं।
अब डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक ने भी यही चेतावनी दी है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सौम्या स्वामीनाथन ने जिनेवा स्थित पत्रकारों से कहा कि संख्या बढ़ने के साथ, सभी स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि वैरिएंट सफलतापूर्वक कुछ प्रतिरक्षा से बच निकल रहा है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि कई देशों में बूस्टर कार्यक्रमों को कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए टार्गेट किया जाना चाहिए।
वैसे, डब्ल्यूएचओ ने भी सोमवार को साफ़ कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में तेज़ी से फैल रहा है और पहले से ही टीका लगाए गए लोगों या कोरोना बीमारी से उबर चुके लोगों को संक्रमित कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा कि अब लगातार सबूत आ रहे हैं कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी अधिक संभावना है कि टीका लगाए गए या संक्रमण से ठीक हो चुके लोग फिर से संक्रमित हो सकते हैं।
जिस तरह की बात अब डब्ल्यूएचओ की तरफ़ से कही जा रही है उसी तरह की बात इम्पीरियल कॉलेज लंदन द्वारा किए गए शोध में भी कही गई थी।
उस शोध में पिछले हफ़्ते ही कहा गया था कि संक्रमण का जोखिम पांच गुना अधिक था और डेल्टा की तुलना में इसके हल्के लक्षण का कोई संकेत नहीं है।
बता दें कि दुनिया भर में ओमिक्रॉन का संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है। ब्रिटेन में 37 हज़ार से ज़्यादा ओमिक्रॉन के मामले आ चुके हैं। अमेरिका में कोरोना के कुल नए मामलों में से 73.2% मामले ओमिक्रॉन के हैं।
यूरोप के कुछ हिस्सों में ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाए किए जा रहे हैं। ऑस्ट्रिया में भी लॉकडाउन लगाया गया है और बेल्जियम में टीका न लगवाने वालों पर पाबंदियां लगाई गई हैं। नीदरलैंड में रविवार को लॉकडाउन लगाया गया और क्रिसमस से पहले कई और देशों में कोरोना प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है।