बलूचिस्तान में 214 सैन्य बंधकों को मारने का दावा, क्या पाकिस्तान कुछ छिपा रहा

02:38 pm Mar 15, 2025 | सत्य ब्यूरो

बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एक सनसनीखेज दावा किया कि उसने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से अगवा किए गए सभी 214 सैन्य बंधकों को मार डाला है। यह दावा बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच की ओर से जारी एक बयान में किया गया, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तानी सेना ने उनकी 48 घंटे की अल्टीमेटम को नजरअंदाज कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह कठोर कदम उठाया गया।

बीएलए ने मंगलवार को बलूचिस्तान के बोलेन जिले में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया था, जिसमें रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया गया और ट्रेन पर गोलीबारी की गई। संगठन ने दावा किया था कि उसने ट्रेन से 214 सैन्य कर्मियों को बंधक बना लिया था और बदले में बलूच राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की थी। बीएलए ने कहा, "हमने पाकिस्तानी सेना को युद्धबंदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे का समय दिया था, लेकिन उनकी हठधर्मिता और सैन्य अहंकार के कारण हमें यह कदम उठाना पड़ा।"

बयान में बीएलए ने कहा कि लड़ाई अभी भी जारी है और उनके लड़ाके पाकिस्तानी सेना पर लगातार हमले कर रहे हैं। संगठन ने दावा किया कि ऑपरेशन 'दर्रा-ए-बोलन' में उनके 12 लड़ाकों ने बलिदान दिया, जबकि पाकिस्तानी कमांडो को भारी नुकसान हुआ। बीएलए ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने स्थिति को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश की और जो लोग "बचाए गए" कहे जा रहे हैं, उन्हें पहले दिन ही युद्ध नियमों के तहत रिहा किया गया था।

दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को दावा किया था कि उसने सभी 33 हमलावरों को मार गिराया और 300 से अधिक यात्रियों को बचा लिया। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा था कि ऑपरेशन में 21 बंधकों और चार सैनिकों की मौत हुई। हालांकि, बीएलए ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पास अभी भी कई इलाकों में नियंत्रण है और पाकिस्तानी सेना अपने मृत सैनिकों के शवों को भी नहीं निकाल पा रही है।

यह घटना बलूचिस्तान में बढ़ते विद्रोह का एक और उदाहरण है। जहां बीएलए जैसा संगठन उन आम बलूच लोगों के सशस्त्र आंदोलन की अगुआई कर रहा है जो लोग लंबे समय से आजादी की मांग कर रहे हैं। संगठन का कहना है कि पाकिस्तान सरकार उनके प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है, जबकि बलूचिस्तान को विकास से वंचित रखा जा रहा है। इस हमले ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिसे राजनीतिक नेताओं ने 1971 के युद्ध से पहले की स्थिति से तुलना की है।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने बीएलए के दावों को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जाने वाला बताया। उसने कहा कि कहा कि वे स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तानी सरकार ने भारत और अफगानिस्तान पर भी विद्रोहियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, जिसे दोनों देशों ने खारिज कर दिया है।

क्वेटा रेलवे स्टेशन

इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। अमेरिका और चीन ने हमले की निंदा की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र जांच की मांग उठ रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यह संकट पाकिस्तान की आंतरिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

फिलहाल, बलूचिस्तान में तनाव चरम पर है और दोनों पक्षों के बीच संघर्ष जारी है। बीएलए ने कहा कि वह ऑपरेशन के खत्म होने के बाद और जानकारी साझा करेगा, जबकि पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। यह देखना बाकी है कि यह संकट आगे कैसे बढ़ता है।