अमेरिका में देखा गया चीनी गुब्बारा अब चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव के नये कारण बन सकता है। अमेरिका ने शनिवार को कैरोलिना तट के पास एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया। पिछले कुछ दिनों से अमेरिका में यह गुब्बारा देखा जा रहा था। इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिका ने दावा किया था कि बलून उत्तरी अमेरिका के संवेदनशील सैन्य स्थलों की जासूसी कर रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इन संदिग्ध जासूसी उपकरणों पर कार्रवाई करने को कहा था।
अमेरिका में देखे गए इस गुब्बारे पर वहाँ चीन की जासूसी को लेकर संदेह है और इसे किसी बड़ी साज़िश के तौर पर देखा जा रहा है। इसी वजह से इस गुब्बारे को मार गिराया गया है और अब इसके मलबे को ढूंढने के लिए अटलांटिक महासागर में एक ऑपरेशन चला रहा है। चीन ने अमेरिका की इस प्रतिक्रिया की निंदा की है और अमेरिका पर 'अतिप्रतिक्रिया करने और अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन करने' का आरोप लगाया।
अमेरिका के कैरोलिना में यह बलून लगभग 60,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था और तीन स्कूल बसों के आकार का अनुमान लगाया गया।
स्थानीय मीडिया के फुटेज में एक छोटा विस्फोट दिखा, जिसके बाद गुब्बारा पानी में गिना। ऑपरेशन को इस तरह से प्लान किया गया था कि सारा मलबा समुद्र में गिर जाए। जितना संभव हो उतना मलबा निकालने के लिए जहाजों को तैनात किया गया।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने रॉयटर्स के हवाले से कहा, 'हमने सफलतापूर्वक इसे गिरा दिया, और मैं अपने एविएटर्स को बधाई देना चाहता हूं।' पत्रकारों द्वारा चीन के साथ संबंधों और बैलून घटना पर टिप्पणी करने के लिए कहने पर बाइडन ने कहा, 'हम इसको संभाल लेंगे।'
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने सबसे पहले गोलीबारी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गुब्बारे का उपयोग चीन द्वारा 'महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका में रणनीतिक स्थलों का सर्वेक्षण करने के प्रयास में' किया जा रहा था।
जब गुब्बारे को मार गिराया गया तो उस वक़्त के एक वीडियो को ट्विटर यूज़र ने ट्विटर पर साझा किया है।
बीजिंग ने रविवार को गुब्बारे को मार गिराने के पेंटागन के फ़ैसले की निंदा करते हुए अमेरिका पर निशाना साधा। इसने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय प्रैक्टिस का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
बीजिंग के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'चीन मानव रहित नागरिक हवाई शिप पर हमला करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बल के इस्तेमाल के खिलाफ सख्त असंतोष और विरोध व्यक्त करता है।' चीन ने कहा है कि उसको भी आगे आवश्यक प्रतिक्रिया करने का अधिकार है।