अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि सीरिया में गुरुवार को अमेरिकी छापेमारी में आईएसआईएस का शीर्ष नेता मारा गया। अमेरिकी विशेष बलों के आतंकवाद विरोधी दल ने यह कार्रवाई की। मारा गया आतंकवादी दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था।
राष्ट्रपति बाइडेन ने इस मामले में अपने बयान को ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, 'कल रात मेरे निर्देश पर यू.एस. सैन्य बलों ने सफलतापूर्वक एक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया। हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी काबिले तारीफ है। हमने आईएसआईएस के नेता अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी को युद्ध के मैदान में मार गिराया है।'
उन्होंने अपने बयान में आगे कहा है, 'सभी अमेरिकी ऑपरेशन से सुरक्षित लौट आए हैं। मैं आज सुबह बाद में अमेरिकी लोगों को अपनी टिप्पणी दूँगा। भगवान हमारे सैनिकों की रक्षा करें।'
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि अल-कुरैशी की मौत एक उस बम विस्फोट से हुई जिससे उसने खुद को, महिलाओं व बच्चों सहित अपने परिवार के सदस्यों को मार डाला। जैसे ही अमेरिकी सैनिकों ने घेरा उसने खुद को बस से उड़ा लिया। बता दें कि सीरिया के उत्तर-पश्चिमी इदलिब प्रांत में रात भर छापेमारी की गई। छापे के दौरान अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी को निशाना बनाया गया था।
अल-हाशिमी अल-कुरैशी ने 31 अक्टूबर, 2019 को आतंकवादी समूह के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था। सीरिया के उसी क्षेत्र में अमेरिकी छापेमारी के दौरान अबू बक्र अल-बगदादी मारा गया था।
अमेरिका ने यह ऑपरेशन तब चलाया है जब आईएस पुनरुत्थान की कोशिश कर रहा है। इसी को लेकर आईएस ने इस क्षेत्र में लगातार कई हमले किए हैं। इसलामिक स्टेट समूह सीरिया और इराक में बढ़ते हमलों के साथ खुद को फिर से स्थापित कर रहा है।
बाइडेन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने अमेरिकी लोगों और सहयोगियों की रक्षा करने और दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए छापेमारी का आदेश दिया। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि मिशन सफल रहा और कोई अमेरिकी हताहत नहीं हुआ।
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अमेरिकी विशेष बल हेलीकॉप्टरों में उतरे और सीरिया के विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में एक घर पर हमला किया और दो घंटे तक बंदूकधारियों के साथ संघर्ष किया।
एक रिपोर्ट में कहा गया कि इस संघर्ष में छह बच्चों और चार महिलाओं सहित 13 लोग मारे गए। हालाँकि, पेंटागन ने छापेमारी में हताहतों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
एक स्थानीय निवासी उमर सालेह ने कहा कि हमले से पहले लाउड स्पीकर से आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी गई थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाद में हमले शुरू हो गये। गोलीबारी दो घंटे तक जारी रही, क्योंकि विमान इलाके के निचले हिस्से में चक्कर लगा रहा था।
इदलिब के एक कार्यकर्ता ताहिर अल-उमर ने कहा कि उन्होंने लड़ाकों और अमेरिकी सेना के बीच संघर्ष देखा। अन्य ने ऑपरेशन के दौरान कम से कम एक बड़ा विस्फोट सुने जाने की सूचना दी। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि छापे में एक हेलीकॉप्टर में यांत्रिक समस्या आई और उसे जमीन पर विस्फोट कर दिया गया।
स्थानीय लोगों ने कहा है कि घर की ऊपरी मंजिल लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गई थी, वहां एक कमरा ढह गया था, जिससे सफेद ईंटें नीचे जमीन पर गिर गईं। दीवारों और फर्श पर खून देखा जा सकता था।
इदलिब बड़े पैमाने पर तुर्की समर्थित लड़ाकों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, लेकिन यह अल-कायदा का गढ़ भी है और इसके कई शीर्ष गुर्गों का घर है। प्रतिद्वंद्वी आईएस समूह के चरमपंथियों सहित अन्य आतंकवादियों ने भी इस क्षेत्र में शरण ली है।
बता दें कि 2011 में पाकिस्तान में इसी तरह के हमले में ओसामा बिन लादेन मारा गया था और हमला करने वाला अमेरिका ही था।