अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन का रास्ता अब साफ़ हो गया है। डोनल्ड ट्रंप ने आख़िरकार सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की हामी भर दी है। जीएसए यानी जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन ने जो बाइडन को सोमवार को साफ़ तौर पर विजेता घोषित कर दिया है और सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। इसके साथ ही अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद से चला आ रहा संकट टल गया है। यानी इस पूरे मामले में जो संवैधानिक संकट पैदा होने और डोनल्ड ट्रंप को आख़िर तक सत्ता हथियाने के हथकंडे अपनाने के कयास लगाए जा रहे थे वे अब ख़त्म होते नज़र आ रहे हैं। लेकिन यह गतिरोध ख़त्म होगा या नहीं, इसपर सवाल बना रहेगा क्योंकि सत्ता हस्तांतरण प्रक्रिया के लिए हामी भरने के साथ ही ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह चुनाव परिणामों के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखेंगे।
डोनल्ड ट्रंप ने इस मामले में एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ...हमारे देश के सर्वोत्तम हित में, मैं सिफारिश कर रहा हूँ कि एमिली (जीएसए की अधिकारी) और उनकी टीम वह करे जो शुरुआती प्रोटोकॉल के संबंध में किया जाना चाहिए, और मैंने मेरी टीम को भी ऐसा करने के लिए कहा है।'
हालाँकि, इसके साथ ही वह यह भी आरोप लगाने से नहीं चूके कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है जैसा कि वह चुनाव नतीजे आने के बाद से ही लगाते रहे हैं।
डोनल्ड ट्रंप ने कहा, 'मैं जीएसए में एमिली मर्फी को उनके देश के प्रति समर्पण और निष्ठा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। उन्हें परेशान किया गया, धमकी दी गई, और गाली दी गई - और मैं उनके, उनके परिवार या जीएसए के कर्मचारियों के साथ ऐसा होते नहीं देखना चाहता। हमारा मामला मज़बूती से जारी है, हम अच्छी लड़ाई जारी रखेंगे, और मुझे विश्वास है कि हम प्रबल रहेंगे!'
इसके क़रीब चार घंटे बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने दावा किया, "जीएसए को डेमोक्रेट्स के साथ जो शुरुआती काम करने की अनुमति दी जा रही है, उन्हें हमारे उन विभिन्न मामलों को देखना होगा जो अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में सबसे भ्रष्ट चुनाव से जुड़े हैं हम पूरी गति से आगे बढ़ रहे हैं। कभी भी फर्जी मतपत्रों और 'डोमिनियन' को स्वीकार नहीं करेंगे।"
अमेरिकी चुनाव नतीजों में किसी भी गड़बड़ी के अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं। ऐसी किसी गड़बड़ी के बारे में कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है, फिर भी डोनल्ड ट्रंप गड़बड़ी का राग अलाप रहे हैं।
डोनल्ड ट्रंप के ये ट्वीट विरोधाभासी जान पड़ते हैं। इसमें एक में तो वह भावी राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए हामी भर रहे हैं और दूसरी तरफ़ वह चुनाव नतीज़ों पर सवाल खड़े कर रहे हैं। माना जा सकता है कि चुनाव नतीजों को इतनी प्रमाणिकता मिल गई है और ट्रंप को स्वीकार करने का इतना दबाव है कि वह शायद अब आगे इस मामले को खींच पाने की स्थिति में नहीं हैं। माना जा रहा है कि वह अब भी चुनाव में गड़बड़ी का आरोप इसलिए लगा रहे हैं ताकि अपनी किरकिरी होने से बचा सकें।
मिशेल ओबामा ने भी की थी आलोचना
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहीं मिशेल ओबामा ने आसान सत्ता हस्तांतरण नहीं करने पर डोनल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने ट्रंप और मेलानिया ट्रंप को ओबामा कार्यकाल को याद दिलाते हुए कहा था कि वे सत्ता हस्तांतरण के पूर्व राष्ट्रपतियों के उदाहरण से सबक लें। मिशेल ने इसके लिए इंस्टाग्राम पर लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी थी।
सत्ता हस्तांतरण के लिए बाइडन को पत्र तब भेजा गया जब इससे पहले 9 रिपब्लिकन सीनेटरों ने ही हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू करने की माँग की थी। इन सीनेटरों की इस माँग से कुछ घंटे पहले ही मिशिगन के बोर्ड ऑफ़ स्टेट कैनवासर्स ने चुनाव के परिणामों को प्रमाणित किया था। इसके साथ ही व्यावहारिक रूप से प्रमुख बैटलग्राउंड में बाइडन की जीत सुनिश्चित हुई है।
मर्फी ने प्रेजिडेंशियल ट्रांजिशन एक्ट 1963 के हवाले से जो बाइडन को लिखे एक पत्र में कहा, "चुनाव परिणामों के क़ानूनी चुनौतियों और प्रमाणपत्रों से जुड़े हाल के घटनाक्रमों के कारण, मैंने तय किया है कि आप चुनाव के बाद के संसाधनों और सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।'
अब चूँकि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, बाइडन की टीम सत्ता संभालना शुरू कर देगी। यानी जो बाइडन और भावी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस राष्ट्रपति के तौर पर काम कर सकते हैं।
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि जो बाइडन ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रण के लिए अनौपचारिक तौर पर पहले से ही काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने देश के वैज्ञानिकों, इससे जुड़े विशेषज्ञों और स्वास्थ्य महकमे की टीम बनानी शुरू कर दी है और इस मामले में विस्तृत योजना बनाई जा रही है।