श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने रानिल विक्रमसिंघे 

01:54 pm Jul 15, 2022 | सत्य ब्यूरो

श्रीलंका में गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति की शपथ दिलाई गई है। इससे पहले गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफ़े को आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया गया। रानिल विक्रमसिंघे तब तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद पर बने रहेंगे जब तक श्रीलंका के अंदर नए राष्ट्रपति का चुनाव नहीं हो जाता। 

श्रीलंका की संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा है कि एक हफ्ते के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव कर लिया जाएगा।

गोटाबाया राजपक्षे ने श्रीलंका छोड़ने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नामित किया था।

श्रीलंका में बीते 3 महीने से ज्यादा वक्त से प्रदर्शनकारी सड़क पर थे और वह गोटाबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा चाहते थे। लेकिन गोटाबाया राजपक्षे इसके लिए तैयार नहीं थे। बीते शनिवार को जब प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में राष्ट्रपति आवास के अंदर घुस गए तो गोटाबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति आवास से बाहर भागना पड़ा था। 

इसके बाद राजपक्षे मालदीव होते हुए सिंगापुर चले गए। उनके इस्तीफे का आधिकारिक एलान होने के बाद श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने जमकर खुशी मनाई। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दफ्तर को खाली कर दिया है। गोटाबाया राजपक्षे के भाई और प्रधानमंत्री रहे महिंदा राजपक्षे को भी अपना पद छोड़ना पड़ा था।

बेहद खराब आर्थिक हालात से जूझ रहे श्रीलंका पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की नजर बनी हुई है। आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने कहा है कि वह श्रीलंका में बने हालातों को करीब से देख रहे हैं। 

शांति कायम करने की अपील

श्रीलंकाई संसद के स्पीकर अभयवर्धने ने जनता से अपील की है कि वह शांतिपूर्ण माहौल बनाए जिससे सभी सांसद नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया में भाग ले सकें। उन्होंने आम लोगों के साथ ही, सभी पार्टियों के नेताओं, सुरक्षा अधिकारियों से भी अपील की है कि वे सभी सहयोग करें। उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनएआई से कहा कि शनिवार को संसद का सत्र बुलाया जाएगा और नए राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 7 दिन के भीतर पूरी हो जाएगी।

श्रीलंका में आम जनता के साथ ही दुनिया के कई मुल्कों की नजरें इस बात पर लगी हैं कि अगला राष्ट्रपति कौन होगा।

राष्ट्रपति पद की दौड़ में श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगाया (एसजेबी) के सांसद और पूर्व सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका, इसी पार्टी के नेता साजिथ प्रेमदासा का नाम आगे चल रहा है। इसके अलावा रानिल विक्रमसिंघे और जनता विमुक्ति पेरामुना के अनुरा कुमारा दिसानायके भी इस पद की दौड़ में शामिल हैं। 

कौन हैं सरथ फोंसेका?

सरथ फोंसेका श्रीलंका के सबसे हाई प्रोफाइल सेना के पूर्व जनरल हैं और वह राजनीतिक कैदी बनने के बाद राजनेता बने हैं। सरथ फोंसेका ने कहा है कि अगर सांसद उनका चुनाव करते हैं तो वह राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार हैं। एक और राजनीतिक दल श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) ने उन्हें इस पद के लिए आगे आने का निमंत्रण दिया है।

सरथ फोंसेका

सरथ फोंसेका को लिट्टे के विद्रोहियों के खिलाफ सेना का नेतृत्व करने वाले हीरो के रूप में जाना जाता है। 2010 के राष्ट्रपति चुनाव में वह महिंदा राजपक्षे के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद महिंदा राजपक्षे ने सेना में खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों में उन्हें हिरासत में ले लिया था। उन्हें 30 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी और 2011 में अपने एक बयान के लिए उन्हें फिर से 3 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 

इसके बाद श्रीलंका की हुकूमत में आई मैत्रीपाला सिरिसेना की सरकार ने फोंसेका को फील्ड मार्शल के सर्वोच्च सैन्य पद से सम्मानित किया था और उन्हें पिछली सजाओं से पूरी तरह बरी कर दिया था।

रानिल विक्रमसिंघे 

गोटाबाया राजपक्षे ने मुल्क छोड़ने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति के रूप में नामित किया था। रानिल विक्रमसिंघे 5 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और श्रीलंका में पिछले दौर में बने खराब हालातों का सामना करने का अनुभव उनके पास है।

हालांकि रानिल विक्रमसिंघे को लेकर भी श्रीलंका के लोगों में काफी नाराजगी है और बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने उनके दफ्तर पर कब्जा कर लिया था। ऐसे में लगता है कि बाकी बचे उम्मीदवारों के बीच ही राष्ट्रपति बनने के लिए जंग होगी। 

अनुरा कुमारा दिसानायके

इसके अलावा अनुरा कुमारा दिसानायके भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में है। उन्हें श्रीलंका में युवा राजनेता के तौर पर जाना जाता है। हाल ही में संसद में दिए गए भाषण में उन्होंने कहा था कि वह श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को 6 महीने के भीतर पटरी पर वापस ला सकते हैं।

साजिथ प्रेमदासा 

साजिथ प्रेमदासा को उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार चुना है। प्रेमदासा कह चुके हैं कि वह श्रीलंका को बचाने के लिए और अपने मुल्क की इकनॉमी को खड़ा करने के लिए तैयार हैं। प्रेमदासा के पिता का नाम रणसिंघे प्रेमदासा था और वह 1978 से 1988 तक श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे थे और 1989 से 1993 तक यहां के राष्ट्रपति भी रहे। रणसिंघे की एलटीटीई के विद्रोहियों ने 1 मई 1993 को हत्या कर दी थी।

साजिथ प्रेमदासा

प्रेमदासा राजनीतिक परिवार से आते हैं और वह कम उम्र में ही राजनीति में आ गए थे। वह साल 2000 में हंबनटोटा क्षेत्र से रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी के टिकट पर सांसद बने थे। बीते कई सालों में वह सरकारों में अहम पदों पर रहे हैं और श्रीलंका में सभी को साथ लेकर चलने की बात करते हैं। वह नस्लवाद और अल्पसंख्यकों के अलगाववाद के खिलाफ भी आवाज उठाते रहे हैं।

क्रॉस वोटिंग की संभावना 

राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए संसद में 113 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 20 जुलाई को होगा। यह चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिए होगा और इसमें कोई भी राजनीतिक दल अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकता। ऐसे में यह अनुमान है कि राष्ट्रपति के चुनाव में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हो सकती है।