सऊदी अरब में गैर मुस्लिम राजनयिकों के लिए खुल रहा है शराब स्टोर

09:02 am Jan 25, 2024 | सत्य ब्यूरो

सऊदी अरब में गैर मुस्लिम राजनयिकों के लिए शराब स्टोर मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 नामक व्यापक योजना का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस मामले से जुड़े अधिकारियों और दस्तावेजों के हवाले से खबर दी है।

दस्तावेजों के हवाले से रॉयटर्स ने बताया है कि गैर मुस्लिम राजनयिकों को एक मोबाइल ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। उसे विदेश मंत्रालय से क्लीयरेंस कोड लेना होगा। हर राजनयिक के लिए एक मासिक कोटा होगा, उतनी ही शराब उसे मिल सकेगी।

सऊदी अरब कड़े इस्लामिक नियमों का पालन करता है। यहां पर मक्का मदीना है। इस वजह से शराब सहित कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं। लेकिन सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब सऊदी अरब को तेल आधारित अर्थव्यवस्था से निकालकर पर्यटन और अन्य कारोबार के लिए खोलना चाहते हैं। उनका यह फैसला सऊदी अरब के प्रयासों में एक मील का पत्थर साबित होने वाला है। कहा जा रहा है कि वो सऊदी अरब की बेहद कट्टर मुस्लिम देश की छवि से निकलना चाहते हैं।

सऊदी दस्तावेज़ में कहा गया है कि नया स्टोर रियाद के डिप्लोमैटिक क्षेत्र में स्थित है। इस इलाके में दूतावास हैं और राजनयिक भी रहते हैं। इस शराब स्टोर में मुसलमानों के जाने पर "सख्ती से प्रतिबंध" होगा। अभी इस स्टोर को खुलने में एक-दो हफ्ते लग सकते हैं। सऊदी अरब में लाखों प्रवासी रहते हैं लेकिन उनमें से अधिकतर एशिया और मिस्र से आए मुस्लिम कामगार हैं। 

सऊदी अरब में शराब पीने के खिलाफ सख्त कानून हैं जिसके लिए सैकड़ों कोड़े, देश निकाला, जुर्माना या कैद की सजा हो सकती है। प्रवासियों को सऊदी अरब से निकाला जा सकता है। सुधारों के हिस्से के रूप में, कोड़े मारने की सजा को बड़े पैमाने पर जेल की सजा से बदल दिया गया है।

हाल ही में सऊदी अरब में डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए शराब लाने और उसे ब्लैक मार्केट में बेचे जाने की खबरें आई थीं। रॉयटर्स के मुताबिक सऊदी अरब सरकार ने बुधवार को राज्य-नियंत्रित मीडिया में उन रिपोर्टों की पुष्टि की कि वह राजनयिकों के जरिए लाई जाने वाली  शराब के आयात पर नए प्रतिबंध लगाने जा रही है।

सऊदी अरब के अंतर्राष्ट्रीय संचार केंद्र (सीआईसी) ने कहा कि राजनयिक मिशनों द्वारा प्राप्त शराब, अन्य सामान और उत्पादों के अवैध व्यापार का मुकाबला करने के लिए नए नियम बनाए गए हैं। सीआईसी ने रॉयटर्स को दिए बयान में कहा, "यह नई प्रक्रिया गैर-मुस्लिम दूतावासों के सभी राजनयिकों को तय कोटे के तहत इन सामानों तक पहुंच प्रदान करेगी और उनका मिलना जारी रखेगी।" अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अंतरराष्ट्रीय नियमों का सम्मान करना जारी रखेगा।

सऊदी अरब में हाल के वर्षों में सख्त सामाजिक बंधनों में ढील दी गई है। यहां पर सार्वजनिक स्थानों पर पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग बैठना होता है। महिलाओं को पूरी तरह से शरीर ढंकने वाले काले वस्त्र या अबाया पहनना अनिवार्य है। लेकिन महिलाओं को वाहन चलाने की छूट कुछ वर्ष पहले दी गई है। यह छूट मोहम्मद बिन सलमान यानी एमबीएस ने दी है। उन्होंने गैर-धार्मिक पर्यटन, संगीत समारोहों की भी छूट दी है। लेकिन अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ उन्होंने कड़े एक्शन भी लिए हैं। कुछ वर्ष पहले तुर्की में एक पत्रकार की हत्या का मामला काफी उछला था, जिसकी आंच एमबीएस तक भी पहुंची थी।