रूस ने बुधवार को कहा है कि वह यूक्रेन की सरकार को गिराने की कोशिश नहीं कर रहा है। रूस और यूक्रेन बुधवार को इस बात पर राजी हुए हैं कि युद्ध विराम किया जाए जिससे यूक्रेन के जंग वाले इलाकों में फंसे लोगों को वहां से निकाला जा सके।
यह युद्ध विराम यूक्रेन के 6 इलाकों में 12 घंटे के लिए किया गया है। रूस ने यह भी कहा है कि वह अपने मकसद को बातचीत के जरिए हासिल करना चाहता है।
रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से ही यह कहा जा रहा था कि वह राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहता है। लेकिन लेकिन अब उसने कहा है कि ऐसा करने की उसकी कोई योजना नहीं है।
रूस की ओर से दावा किया गया है कि यूक्रेन के साथ उसकी बातचीत में दोनों मुल्कों के बीच चल रहे संघर्ष को सुलझाने की दिशा में बात आगे बढ़ी है।
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जब 2 हफ्ते पहले यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया था तो उन्होंने कहा था कि यूक्रेन का असैन्यीकरण किया जाना चाहिए। पुतिन की यह भी मांग है कि रूस को नाटो देशों के समूह में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
सख़्त हुआ अमेरिका
यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका रूस पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए हैं और कहा है कि उनके मुल्क में रूस से किसी भी तेल उत्पाद का आयात नहीं होगा।
बाइडेन ने कहा कि हालांकि इसकी कीमत अमेरिकी लोगों को भी चुकानी होगी लेकिन लोगों को अपनी आजादी की हिफाजत करने के लिए यह कीमत चुकानी पड़ेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध को आज 14 दिन हो चुके हैं और इस बीच यूक्रेन के कई शहरों में भारी तबाही हुई है और बड़ी संख्या में लोगों को मुल्क को छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को रूस से होने वाले सभी आयात पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी।
युद्ध शुरू होने के बाद से ही अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़ कर जा चुके हैं। बड़ी संख्या में भारतीय भी वहां फंसे थे लेकिन उन सभी को निकालकर मुल्क वापस लाया जा चुका है।