पाकिस्तान के चुनाव आयोग के द्वारा इमरान खान को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ यानी पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने देश में कई जगहों पर जोरदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की और अपने गुस्से का इजहार किया। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था। चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 63-1 (पी) के तहत की है।
फैसले के बाद इस्लामाबाद, कराची, फैसलाबाद, नौशेरा, सियालकोट, मरदान, फैजाबाद, गुजरात, कराची, लाहौर, हैदराबाद आदि शहरों में पीटीआई के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया।
चुनाव आयोग के फैसले के अनुसार, पीटीआई के चेयरमैन इमरान खान अब संसद के सदस्य नहीं रह गए हैं और उनकी संसदीय सीट खाली हो गई है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इमरान खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
क्या है मामला?
पाकिस्तान में हुकूमत चला रहे गठबंधन पीडीएम के सांसदों की ओर से इमरान खान के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। इस शिकायत में सांसदों ने मांग की थी कि इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया जाए क्योंकि उन्होंने तोशाखाना से रियायती मूल्य पर खरीदे गए उपहारों की बिक्री से मिली आय के बारे में नहीं बताया था।
2018 में पाकिस्तान की हुकूमत संभालने वाले इमरान खान को वज़ीर-ए-आज़म रहते हुए अरब देशों की सरकारी यात्रा के दौरान काफी महंगे उपहार मिले थे जिन्हें तोशाखाना में जमा करा दिया गया था। इमरान खान ने बाद में इन उपहारों को कानून के मुताबिक़, रियायती मूल्य पर खरीद लिया था और बाद में इन्हें भारी मुनाफे पर बेच दिया था। इन उपहारों में कलाई घड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और रोलेक्स की चार घड़ियां भी शामिल थीं।
इस मामले में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने सुनवाई की थी और उसके बाद उसने यह फैसला सुनाया।
पत्रकारों, वकीलों ने उठाए सवाल
पाकिस्तान में कई पत्रकारों और वकीलों ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। द डॉन के मुताबिक, वकील असद रहीम खान ने कहा कि अभी अदालत के आदेश को पूरी तरह से पढ़ना होगा लेकिन फिर भी यह एक मूर्खतापूर्ण फैसला है। राजनीतिक विश्लेषक मुशर्रफ जैदी ने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला एक मजाक है और कुछ वैसा ही है जिस तरह साल 2017 में पूर्व वज़ीर-ए-आज़म नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित किया गया था। पत्रकार सिरिल अल्मेडा ने ट्वीट कर कहा है कि यदि आप उसे हरा नहीं सकते तो उसे अयोग्य घोषित कर दें।
आयोग के फैसले के बाद पीटीआई के नेताओं ने कहा है कि यह फैसला कानून की बुनियाद पर नहीं बल्कि सियासत की बुनियाद पर हुआ है। उन्होंने कहा कि इमरान खान को हटाने का ख्वाब कभी भी पूरा नहीं होगा। पीटीआई के नेताओं ने कहा कि इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
याद दिलाना होगा कि इस साल अप्रैल में इमरान खान को वज़ीर-ए-आज़म की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और उनकी जगह पर शहबाज शरीफ मुल्क़ के नए वज़ीर-ए-आज़म बने थे।
इमरान खान की हुकूमत के गिरने के बाद से ही पीटीआई पूरे पाकिस्तान में बड़ी-बड़ी रैलियां कर रही है। इन रैलियों में इमरान खान अमेरिका के इशारे पर उनकी हुकूमत को गिराने की साजिश का आरोप लगाते हैं और शहबाज शरीफ की सरकार को इम्पोर्टेड हुकूमत बताते हैं। वह अपनी रैलियों में शहबाज शरीफ के साथ ही नवाज शरीफ पर भी हमला बोलते हैं। कप्तान रहते हुए पाकिस्तान को विश्वकप में जीत दिला चुके इमरान खान की पाकिस्तान में जबरदस्त लोकप्रियता है।