न्यूयॉर्क ने कहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 5 मामले उनके वहां भी मिले हैं। गवर्नर कैथी होचुल ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका में अब तक इस वैरिएंट के कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस बारे में जानते थे कि यह नया वैरिएंट फैल रहा है और हमारे पास इसे रोकने के लिए ज़रूरी हथियार हैं। उन्होंने ट्वीट कर लोगों से कहा कि वे वैक्सीन लगवाएं, बूस्टर डोज़ लगवाएं और मास्क ज़रूर पहनें।
अमेरिका में अब तक मिले 8 मामलों में से एक मामला मिनेसोटा में भी है लेकिन यह शख़्स देश से बाहर नहीं गया था। इसका मतलब है कि यह वायरस वहां फैल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वे कोरोना के ख़िलाफ़ अपने अभियान को और मजबूत करेंगे। बाइडेन ने कहा है कि वे किसी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाने जा रहे हैं। उन्होंने टीकाकरण अभियान को तेज़ करने की ज़रूरत पर जोर दिया है।
अमेरिका में कुछ ही दिन पहले इसका पहला मामला सामने आया था लेकिन अब तक यह कम से कम पांच राज्यों में फैल चुका है। इससे पता चलता है कि यह बहुत तेज़ी से फैल रहा है। कैलिफ़ोर्निया, मिनेसोटा, कोलोराडो में भी इस वैरिएंट से संक्रमित लोग मिले हैं।
सबसे पहले इस वैरिएंट का पता दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को चला। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक़, यह इससे पहले ही यह कम से कम 20 देशों में फैल चुका था। इधर, भारत में इस वैरिएंट के मिलने के बाद चिंता बढ़ गई है।
भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि यह पांच गुना अधिक संक्रमण फैलाने वाला हो सकता है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न माना है और इसमें 45 से 52 म्यूटेशन होते हैं, इनमें से 26 से 32 स्पाइक प्रोटीन से संबंधित हैं। स्टडी से यह पता चला है कि यह बहुत तेज़ी से फैलता है।” उन्होंने कहा कि यूरोप के हालात पर भी हमारी नज़र बनी हुई है।
मॉडर्ना के सीईओ स्टीफ़न बांसेल ने कुछ दिन पहले कहा था कि मौजूदा वक़्त में दी जा रहीं तमाम वैक्सीन ओमिक्रॉन वायरस के लिए उतनी कारगर साबित नहीं होंगी जितनी यह बाक़ी वैरिएंट के लिए हुई हैं।
बांसेल ने कहा था कि ओमिक्रॉन के लिए नई डोज बनाने में दवा कंपनियों को कई महीने लगेंगे। दुनिया भर के कई देशों में वैज्ञानिक ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर स्टडी कर रहे हैं।