अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार शाम को एक बार फिर जोरदार धमाका हुआ। धमाके में अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है और 35 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। धमाका बहुत जबरदस्त था और बताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
इस साल जून में काबुल में स्थित गुरुद्वारा करते परवान के परिसर में दो बम धमाके हुए थे। घटना के वक्त गुरुद्वारे में कई श्रद्धालु मौजूद थे। बम धमाकों में दो लोगों की मौत हुई थी और कुछ लोग घायल हुए थे। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने कहा था कि उसने यह धमाके भारत में पैगंबर पर की गई टिप्पणियों के जवाब में किए थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने न्यूज एजेंसी रायटर को बताया कि धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए। यह धमाका काबुल के खैर खाना इलाके में स्थित सिद्दीकिया मस्जिद के अंदर हुआ और उस वक्त लोग शाम की नमाज पढ़ रहे थे।
धमाके को एक आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया है। हमले के प्रत्यक्षदर्शी ने समाचार एजेंसियों को बताया कि जब यह धमाका हुआ तो वह अन्य लोगों के साथ नमाज पढ़ रहे थे। धमाके में मस्जिद के इमाम की भी मौत हो गई है।
धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस और बचाव दस्ता मौके पर पहुंचा और उसने घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया। घायलों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। अभी तक इस धमाके की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि आम नागरिकों के हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें उनके किए की सजा दी जाएगी।
11 जून को भी काबुल में बम धमाका हुआ था और उसमें कई लोग घायल हो गए थे। इस साल अप्रैल में काबुल के पश्चिमी इलाके में स्थित एक स्कूल में तीन जोरदार धमाके हुए थे। स्कूल के आसपास शिया हजारा समुदाय की आबादी थी।
आतंकवाद का खतरा बढ़ा
तालिबान ने पिछले साल जब अफगानिस्तान की हुकूमत संभाली थी तो उसने सभी की हिफाजत का दावा किया था लेकिन लगातार बम धमाकों से ऐसा लगता है कि वहां आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े स्थानीय संगठनों ने तालिबान लड़ाकों और आम नागरिकों पर हमले शुरू कर दिए हैं।