इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) का कहना है कि रात में गजा पट्टी में सेना और टैंकों ने दूसरी सीमित घुसपैठ की। इस दौरान हमास के ठिकानों पर हमला किया गया। सेना के अनुसार, पूर्वी गजा शहर में शुजैय्या के पास छापामार पैदल सेना, फाइटर इंजीनियरिंग और बख्तरबंद ने इस कार्रवाई में हिस्सा लिया। टैंक और आर्मी की टुकड़ी को इजराइली वायु सेना के ड्रोन और लड़ाकू हेलीकॉप्टर आसमान से कवर दे रहे थे।
आईडीएफ का कहना है कि हमास के कई सदस्यों पर भी सेना ने हमला किया। कई घंटों के बाद सभी इज़रायली सेनाएँ और टैंक उस क्षेत्र को छोड़कर वापस चली आईं। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
यह ऑपरेशन की लगातार दूसरी रात है जब आईडीएफ बल पूर्ण जमीनी हमले से पहले गजा पट्टी में कुछ देर के लिए दाखिल हुए। हालांकि पश्चिमी मीडिया ने आशंका जताई थी कि पहले सीमित हमले का असर देखने के बाद इजराइल शुक्रवार को पूर्ण जमीनी हमला कर सकता है।
पश्चिमी रक्षा विशेषज्ञ अपनी त्वरित टिप्पणियों में कह रहे हैं कि शायद इजराइली सेना ने अपनी रणनीति बदल दी है और वो सीमित जमीनी हमलों के सहारे गजा में घुसपैठ करना चाहता है। पहला सीमित जमीनी हमला बुधवार रात को उत्तरी गजा की सीमा पर किया गया था। दूसरा हमला गुरुवार रात को पूर्वी गजा में किया गया। आईडीएफ की ओर से हमास के ठिकानों को नष्ट करने की बात कही गई है लेकिन इस संबंध में कोई पुख्ता जानकारी किसी अन्य मीडिया सोर्स ने पुष्ट नहीं की है। पैदल सेना और टैंक से अगर भारी नुकसान होता तो कम से कम अल जजीरा उसको जरूर रिपोर्ट करता। आईडीएफ ने गुरुवार के सीमित हमले में किसी के हताहत होने की बात नहीं कही है।
इजराइल के दोनों सीमित जमीनी हमलों के बारे में हमास ने भी कोई बयान जारी नहीं किया है। हमास की टॉप लीडरशिप ने एक संक्षित टिप्पणी में सिर्फ यही कहा था कि लड़ाई अभी शुरू नहीं हुई है।
बहरहाल, युद्ध के ताजा मोर्चे से सबसे ताजा खबर इजराइल के दावों की है। उधर, अमेरिका ने इराक में अपने जवानों पर ड्रोन हमले का जवाब सीरिया में गोलीबारी करके दिया है। अमेरिका ने कहा कि सीरिया में उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनका इस्तेमाल ईरान समर्थित संगठन कर रहे थे। अमेरिका ने अपने 900 सैनिक भी मिडिल ईस्ट में भेजे हैं। उन्हें भी अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए भेजा गया है।