बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा के विरोध में ढाका में प्रदर्शन

09:57 pm Aug 09, 2024 | सत्य ब्यूरो

बांग्लादेश में तख्ता पलट के साथ ही हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा की ख़बरों के बीच अब इस तरह की हिंसा के विरोध में ढाका में प्रदर्शन हुआ है। इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। हाल में मुस्लिम पड़ोसियों द्वारा हिंदू मंदिर और ऐसे ही धार्मिक स्थलों की सुरक्षा किए जाने की ख़बरें और तस्वीरें आती रही हैं।

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने देश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को हसीना के इस्तीफे के बाद मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, व्यवसायों और मंदिरों को निशाना बनाया गया। हिंसा में एक स्कूल के शिक्षक की मौत हो गई और कम से कम 45 लोग घायल हो गए।

बांग्लादेश में पहले नौकरियों में आरक्षण को लेकर और फिर शेख हसीना के इस्तीफ़े की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर हुए आंदोलन के बीच शेख हसीना देश छोड़कर भाग गईं और इस्तीफ़ा दे दिया। इस बीच ख़ूब हिंसा हुई। इस सप्ताह बड़ी संख्या में हिंदुओं ने अपने समुदायों को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा की लहर के बीच भारत भागने का प्रयास किया है। हाल ही में हिंदुओं के घरों, व्यवसायों और मंदिरों में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई है।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अनुसार, देश के 64 जिलों में से 45 में हिंसा फैल गई है। बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी में हिंदू लगभग 8% हैं और पारंपरिक रूप से हसीना की अवामी लीग पार्टी का समर्थन करते रहे हैं। अवामी लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी माना जाता है।

बहरहाल, हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा को लेकर बांग्लादेश में ही आवाज़ उठ रही है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने 'हम कौन हैं, बंगाली बंगाली' के नारे लगाए और शुक्रवार को राजधानी में एक चौराहे को अवरुद्ध करते हुए शांति की अपील की। उनमें से कुछ बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को बचाए जाने की मांग करने वाले पोस्टर लिए हुए थे।

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने शुक्रवार को एक खुले पत्र में कहा कि देश भर में अल्पसंख्यकों के बीच गहरी आशंका, चिंता और अनिश्चितता है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंसा को कम किया जाना चाहिए। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को एक्स पर एक संदेश में हिंदुओं और बांग्लादेश के अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षण की अपील की।

इस बीच नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। उनको अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई गई है। यूनुस के साथ 13 अतिरिक्त सलाहकार भी अंतरिम सरकार में शामिल हुए। उन्हें राष्ट्रपति द्वारा शपथ दिलाई गई।

शपथ ग्रहण समारोह में यूनुस ने कहा, 'मैं संविधान को बनाए रखूंगा, उसका समर्थन करूंगा और उसकी रक्षा करूंगा तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करूंगा।' पद की शपथ लेने के बाद एक टेलीविज़न संबोधन में यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य सभी के लिए लोकतंत्र, न्याय, मानवाधिकार और निडर अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करना होगा।

यह शपथ ग्रहण समारोह बांग्लादेश के लिए उथल-पुथल भरे समय में हुआ। छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार को हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा था।