केरल में निपाह वायरस से एक और युवक की मौत हो गई। इस साल यह इस वायरस से दूसरी मौत है। यह मामला राज्य के मलप्पुरम ज़िले में आया है। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने रविवार को पुष्टि की कि मलप्पुरम में 24 वर्षीय युवक की मौत का कारण निपाह वायरस था।
इससे पहले जुलाई में मलप्पुरम जिले के 14 वर्षीय एक लड़के की मौत हो गई थी। जाँच में उसके निपाह वायरस से संक्रमित होने का पता चला था। उसके बाद जिले में सख्त रोकथाम उपाय लागू किए गए और अब तक किसी अन्य संक्रमण की सूचना नहीं मिली थी।
केरल में 2018 से अब तक निपाह वायरस ने पाँच बार दस्तक दी है। अब तक केवल छह पॉजिटिव मरीज ही बच पाए हैं- 2018 में कोझीकोड में एक, 2019 में कोच्चि में दूसरा और 2023 में कोझीकोड में चार संक्रमित व्यक्ति बच पाए थे। 2018 में कुल आए 18 संक्रमण के मामलों में से 17 संक्रमित व्यक्तियों की मौत हो गई थी। 2021 में निपाह से एक मौत हुई और 2023 में दो मौतें हुईं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में अब तक दो मौतों के साथ ही 2018 से केरल में निपाह से मरने वालों की कुल संख्या 22 हो गई है।
ताज़ा केस आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि 9 सितंबर को इंसेफेलाइटिस के लक्षण दिखने के बाद 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई। कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वायरोलॉजी लैब में पीसीआर टेस्ट के बाद उसे प्रथम दृष्टया निपाह वायरस होने का पता चला था। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि रविवार को एनआईवी-पुणे ने इसकी पुष्टि की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि प्रोटोकॉल के अनुसार सभी ज़रूरी क़दम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, 'कोझिकोड में किए गए पीसीआर टेस्ट के पॉजिटिव आने के तुरंत बाद ही रविवार रात को ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक आपातकालीन बैठक हुई। हमने प्रोटोकॉल के अनुसार 16 समितियां भी बनाई थीं। युवक बेंगलुरु में एक छात्र था और उसके प्राथमिक संपर्क की सूची में 151 लोग शामिल हैं।'
मंत्री ने कहा कि पीड़ित ने 9 सितंबर को मरने से पहले चार निजी अस्पतालों में इलाज करवाया था और दोस्तों के साथ कई जगहों की यात्रा भी की थी। उन्होंने कहा है कि उसके संपर्क में आए उच्च जोखिम वाली श्रेणी के लोगों को आइसोलेशन में रहने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा है कि पांच लोगों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। उनमें प्राथमिक लक्षण दिखाई दिए थे। उन्होंने कहा है कि संपर्क ट्रेसिंग अंतिम चरण में है। यह पता लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं कि क्या कोई और व्यक्ति वायरस से संक्रमित हुआ है और प्रकोप को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं।
कैसे फैलता है यह वायरस?
निपाह एक जूनोटिक वायरस है जो संक्रमित जानवरों या दूषित भोजन से मनुष्यों में फैल सकता है। एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी यह फैल सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी शामिल हैं। गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन हो जाती है और मौत की वजह बनती है।
फल चमगादड़ों को वायरस का भंडार माना जाता है, और केरल में सभी प्रकोप मई-सितंबर के दौरान यानी बरसात के मौसम के दौरान रिपोर्ट किए गए।