अमेरिकी संस्था का खुलासा, पाक आतंकवादियों को मिले खरबों डॉलर, लश्कर, जैश, अल कायदा, दाऊद की फंडिग

02:34 pm Sep 21, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

ऐसे समय जब इमरान ख़ान सरकार फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स की कार्रवाई से बचने के लिए आतंकवादियों पर दिखावे के लिए कार्रवाई कर रही है, एक खुलासा हुआ है जो पाकिस्तान को शर्मसार करने के लिए काफी है। यह खुलासा अमेरिका से हुआ है और इसमें पता चला है कि एक पाकिस्तानी नागरिक ने आतंकवादियों को अरबों डॉलर का फंड मुहैया कराया है।

अमेरिकी नियामक संस्थान फ़ाइनेंशियल क्राइम इनफ़ोर्समेंट नेटवर्क ने पैसों के लेनदेन के एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसके केंद्र में पाकिस्तानी नागरिक अल्ताफ़ खनानी है, और जिससे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, अल क़ायदा, जैश-ए-मुहम्मद और दाऊद इब्राहिम को पैसे भेजे गए हैं। और यह मामूली रकम नहीं यह अरबों डॉलर है, जिसे आतंकवादी गतिविधियाँ चलाने के लिए भेजा गया।

टेरर फंडिंग

इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के अनुसार, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने न्यूयॉर्क में सस्पिशस एक्टिविटी रिपोर्ट फाइल की, जिसमें अल्ताफ़ खनानी के मनी लॉन्डरिंग संगठन अल ज़रूनी एक्सचेंज के क्रिया कलाप के बारे में विस्तार से बताया गया है। खनानी ने इस संगठन के ज़रिए 14 से 16 अरब डॉलर आतंकवादियों और ड्रग का कारोबार करने वालों के संगठन यानी ड्रग्स कार्टेल्स तक पहुँचाए।

पाकिस्तानी नागरिक खनानी को 11 सितंबर 2015 को पनामा हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार कर लिया गया और मयामी जेल में रखा गया है।

इंडियन एक्सप्रेस पर भरोसा करें तो अमेरिका के ऑफ़िस ऑफ़ फॉरन असेट्स कंट्रोल ने 11 दिसंबर, 2015 को एक नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया है, अल ज़रूनी का प्रमुख अल्ताफ़ खनानी तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद, अल-क़ायदा, तालिबान और दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे देने में शरीक पाया गया है।

रूसी कनेक्शन!

फिन्सेन फ़ाइल के मुताबिक़, 1999 से 2017 के बीच 2,121 संदिग्ध लेनदेन के ज़रिए 2.099 ट्रिलियन डॉलर आतंकवादियों तक पहुँचाया गया। काम का तरीका यह था कि अल ज़रूनी रूसी कंपनी मज़ाका मिरर नेटवर्क को पैसे देता था। वहां से पैसे आतंकवादियों तक जाते थे।

फिन्सेन फाइल्स में 20 पेज की ख़ु़फ़िया जानकारी है, जिसमें रूस की 54 शेल यानी फर्जी़ कंपनियों के नाम हैं। ये कंपनियां अमेरिका और यूरोप के सिक्योरिटीज़ बाज़ार के जरिए पैसे भेजती थी।

भारतीय कंपनियां

इन फाइलों में भारतीयों के नाम भी हैं। जे पी मॉर्गन चेज़ बैंक और युनाइटेड ओवरसीज़ बैंक के रिकॉर्ड के मुताबिक़ बैंक ऑफ बड़ोदा की दुबई शाखा का इस्तेमाल अशोक ट्रेडिंग पीटीई को पैसे भेजने में किया गया था।

फिन्सेन फाइल्स के मुताबिक मज़ाका नई दिल्ली की कपनी रंगोली इंटरनैशनल को पैसे भेजता था। ऐसे 70 लेनेदेन का पता चला है। इन लेनदेन में पंजाब नैशनल बैंक, सेंट्रल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ़ कॉमर्स, कॉरपोरेशन बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के नाम हैं।

रंगोली के प्रबंध निदेशक लव भारद्वाज ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि कंपनी का कपड़ों के निर्यात का कारोबार है। उस लेनदेन में ही अमेरिका और यूरोप से पैसे मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी का मज़ाका या अल्ताफ़ खनानी या अल ज़रूनी से कोई मतलब कभी नहीं रहा है।

खनानी ने अपराध स्वीकार किया

पत्रकारों की संस्था आईसीआईजे ने जब अल्ताफ़ खनानी के वकील मेल बैक से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, 'ख़नानी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और लंबे समय तक जेल मे रहा, जिस दौरान उसके भाई की मौत हो गई और वह अपने परिवार से अलग हो गया। उसकी माली हालत ख़राब है। उसकी संपत्ति को जब्त कर लेने और उसके बैंक खाते को ब्लॉक कर देने की वजह से उसकी आर्थिक स्थिति बेहद बुरी हो चुकी है। उसने बीते 5 साल से किसी तरह का कोई लेनदेन किसी से नहीं किया है।'

इन सवालों के जवाब फिन्सेन फ़ाइल्स ने भी नहीं दिए हैं।