लिज़ ट्रस के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़े के बाद अब देश में नये प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन सवाल है कि पीएम चुनने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी? क़रीब तीन महीने पहले जिस तरह की प्रक्रिया अपनायी गई थी क्या अब फिर से उसी प्रक्रिया से गुजरना होगा?
इस सवाल का जवाब पाने से पहले यह जान लें कि जुलाई में जब बोरिस जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ा था और नये राष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ था तो क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी।
जॉनसन के प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने के बाद संसद में कई दौर की वोटिंग हुई थी। इसमें उनकी पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने वोट डाले थे। हर दौर की वोटिंग में दावेदारों की संख्या कम होती गई थी और आख़िर में दो दावेदार- ऋषि सुनाक और लिज़ ट्रस बचे थे। कई हफ्तों तक यह प्रक्रिया चली थी। और आख़िर में कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन दो उम्मीदवारों में से एक लिज़ ट्रस का चयन प्रधानमंत्री के तौर पर किया था।
लेकिन अब उस पूरी प्रक्रिया को एक सप्ताह में ही समेट दिया जाएगा। यानी पिछली बार की तरह यह कई हफ्तों तक चुनाव की प्रक्रिया नहीं चलेगी।
सामान्य परिस्थितियों में एक नया नेता चुनने के लिए कंजर्वेटिव सांसद शीर्ष दो उम्मीदवारों का चयन करने के लिए गुप्त मतपत्रों की एक श्रृंखला का उपयोग करेंगे। फिर कंजर्वेटिव पार्टी के सभी सदस्य उस शॉर्टलिस्ट वाले दो उम्मीदवारों में से एक का चयन कर अंतिम निर्णय लेंगे।
नेतृत्व स्पर्धा कराने वाली समिति की अध्यक्षता करने वाले वरिष्ठ कंजर्वेटिव विधायक ग्राहम ब्रैडी ने गुरुवार को कहा कि चयन प्रक्रिया में पार्टी के सदस्यों से सलाह ली जाएगी, लेकिन उन्होंने परिकल्पित प्रक्रियाओं का कोई विस्तार से विवरण नहीं दिया।
इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए एक विकल्प यह हो सकता है कि कंजर्वेटिव सांसदों से नामांकन की संख्या की बहुत अधिक सीमा निर्धारित की जाए जो कि दौड़ में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए ज़रूरी होगी। यह संसद में मतदान के दौर की संख्या को शायद एक या दो तक कम कर सकता है।
एक संकेत यह भी है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को केवल लिज़ ट्रस के उत्तराधिकारी को स्वीकार करने के लिए कहा जा सकता है, न कि व्यक्ति का चयन करने के लिए।
रिपोर्ट के अनुसार ब्रैडी ने कहा है कि पार्टी के नियम तय करते हैं कि जब तक कि केवल एक उम्मीदवार न हो, सदस्यता के लिए दो नाम आगे रखे जाएँ। इससे यह संभावना बढ़ गई है कि जो कोई भी कंजर्वेटिव सांसदों के अंतिम मतपत्र में दूसरे स्थान पर आएगा, वह प्रतियोगिता से बाहर होने के लिए सहमत होगा। उस हालत में पार्टी के सदस्यों को प्रभावी रूप से केवल एक विकल्प दिया जाएगा।