अफ़ग़ानिस्तान में एक बार फिर शियाओं को निशाना बनाया गया है। बीते हफ़्ते कुंदूज़ शहर में धमाका हुआ था लेकिन शुक्रवार को कंधार में बम धमाके हुए हैं। ये धमाके जुमे की नमाज़ के दौरान इमाम बारगाह मसजिद में हुए। लेकिन अल-ज़ज़ीरा ने कहा है कि धमाके बीबी फातिमा मसजिद में हुए हैं। यह इस शहर में शिया समुदाय की सबसे बड़ी मसजिद है।
न्यूज़ एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, इन बम धमाकों में अब तक कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है और 53 लोग घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि मरने वालों और घायलों का आंकड़ा बढ़ सकता है। धमाके के बाद जो तसवीरें सामने आई हैं, वे दहशत पैदा करने वाली हैं।
अफ़ग़ानिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री क़ारी सैयद खोस्ती ने वाकये पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि तालिबान के विशेष सुरक्षा बल मौक़े पर पहुंचकर इस बात का पता लगा रहे हैं कि धमाका किस तरह का था।
चश्मदीदों ने एएफ़पी को बताया कि उन्होंने तीन धमाकों की आवाज़ सुनी। एक अन्य चश्मदीद ने न्यूज़ एजेंसी एपी को बताया कि चार आत्मघाती हमलावरों ने मसजिद पर हमला किया। इनमें से दो ने ख़ुद को सुरक्षा गेट पर उड़ा लिया जबकि दो लोग दौड़कर अंदर गए और मसजिद में मौजूद लोगों से जानबूझकर टकरा गए। चश्मदीद के मुताबिक़, नमाज़ के दौरान वहां 500 लोग मौजूद थे।
अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकवादी तंजीम ने नहीं ली है। लेकिन इसलामिक स्टेट लगातार अल्पसंख्यक शियाओं को निशाना बना रहा है। कुंदूज और ये ताज़ा घटना इस बात की तसदीक करती है।
अमेरिकी और नाटो सेनाओं के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने से पहले तालिबान ने भरोसा दिलाया था कि वह मुल्क़ के सभी समुदायों की हिफ़ाजत करेगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
आईएस खोरासान कर रहा हमले
आईएस खोरासान ने तालिबान के सत्ता में आने के बाद लगातार हमले किए हैं। अगस्त महीने में काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए हमले में भी 13 अमेरिकी सैनिक और दर्जनों आम नागरिक मारे गए थे। यह हमला आईएस खोरासान ने किया था।
कुंदूज में हुए हमले में भी कई लोग मारे गए थे और 100 से ज़्यादा घायल हुए थे। आईएस खोरासान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।