काबुल पर क़ब्ज़ा करने और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के तीन दिन बाद ही तालिबान के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
देश के कई शहरों में तालिबान के खिलाफ़ प्रदर्शन हुए हैं, लोगों ने झंडे के साथ विरोध प्रदर्शन किए हैं, नारे लगाए हैं। तालिबान के लड़ाकों ने गोलियां चलाई हैं, जिसमें कई लोग मारे गए हैं।
असदाबाद में लोगों ने शहर के बीचोबीच विरोध प्रदर्शन किया और तालिबान का झंडा फाड़ दिया। लोगों ने अफ़ग़ानिस्तान स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय झंडा लेकर जुलूस निकाला।
तालिबान लड़ाकों ने गोलियाँ चलाईं। कई लोग मारे गए हैं और दूसरे कई लोग घायल हो गए। यह पता नहीं चला है कि लोगों की मौत तालिबान की गोलियों से हुई है या वे भगदड़ में मारे गए हैं।
स्थानीय निवासी मुहम्मद सलीम ने ब्रिटिश अख़बार 'द गार्जियन' से कहा,
“
तालिबान के ख़िलाफ़ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। तालिबान की गोलीबारी और भगदड़ में कई लोग मारे गए हैं।
मुहम्मद सलीम, स्थानीय नागरिक, असदाबाद
अफ़ग़ानिस्तान अंग्रेजी शासन से 19 अगस्त 1919 को आज़ाद हुआ था। इसे स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
राजधानी काबुल के अब्दुल हक चौक पर स्थानीय नागरिकों ने तालिबान का झंडा उतार दिया और उसकी जगह राष्ट्रीय अफ़ग़ान झंडा लगा दिया।
मंगलवाल को जलालाबाद में विवाद की शुरुआत इससे हुई कि तालिबान लड़ाकों ने शहर के बीचोबीच स्थित चौक पर लगा अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रीय झंडा उतार दिया और उसकी जगह अपना झंडा लगा दिया।
स्थानीय लोग बड़ी तादाद में इसके ख़िलाफ़ सड़क पर उतर आए, प्रदर्शन किया, तालिबान के ख़िलाफ़ नारे लगाए।
तालिबान के लड़ाकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे आम नागरिकों पर गोलियाँ चलाईं। इसमें तीन लोग मारे गए और एक दर्जन से ज़्यादा ज़ख़्मी हो गए।
जलालाबाद के अलावा नांगरगढ़ में तालिबान के खिलाफ़ लोगों ने प्रदर्शन किया और तालिबान का झंडा उखाड़ दिया।
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महिलाओं का प्रदर्शन
तालिबान के ख़िलाफ़ आम जनता कई जगहों पर सड़कों पर उतर रही है। मंगलवार को काबुल में कुछ महिलाएं हाथों में प्लेकार्ड लेकर सड़क पर आ गईं और तालिबान लड़ाकों के सामने ही प्रदर्शन करने लगीं, नारे लगाने लगीं।
इसके दो वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं। एक वीडियो में दिखता है कि कुछ लोग बंदूकें लेकर खड़े हैं और चार महिलाएँ हाथों में तख्ती लिए हुए हैं।एक अन्य वीडियो में कई महिलाएँ हाथों में तख़्ती लिए हुए नारे लगा रही हैं। सोशल मीडिया पर उन महिलाओं के साहस की तारीफ़ की जा रही है।