पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने साफ़ शब्दों में कहा है कि सोमवार को हुई चार विधायकों की गिरफ़्तारी ग़ैरक़ानूनी तो है ही, यह कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश का भी उल्लंघन है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधायकों की गिरफ़्तारी के लिए अनुमति विधानसभा के अध्यक्ष से ली जानी चाहिए न कि किसी और से।
बता दें कि सीबीआई ने नारद घूस कांड में सोमवार को दो मंत्रियों समेत चार विधायकों को गिरफ़्तार कर लिया। नगर विकास मंत्री फ़िरहाद हक़ीम व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी के अलावा दो विधायक मदन मित्र और शोभन चट्टोपाध्याय को गिरफ़्तार कर सीबीआई के कोलकाता कार्यालय में पूछताछ की गई। इन विधायकों की गिरफ़्तारी के लिए राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने सीबीआई को इजाज़त दी थी।
क्या कहा स्पीकर ने?
विधानसभा अध्यक्ष ने 'आनंद बाज़ार पत्रिका डिजिटल' से कहा, 'फ़िरहाद हक़ीम और दूसरे विधायको की गिरफ़्तारी पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि विधायकों की गिरफ़्तारी के लिए विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति ली गई है या नहीं।'
उन्होंने इसके आगे कहा,
“
'अदालत ने पूछा था तो मैंने कहा था कि मैंने किसी विधायक को गिरफ्तार करने की इजाज़त नहीं दी है। मैंने कोई चिट्ठी नहीं दी है।'
बिमान बंद्योपाध्याय, अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल विधानसभा
बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस मामले में उनकी राय निश्चित तौर पर ली जानी चाहिए थी, पर सीबीआई ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के एडवोकेट जनरल ने कलकत्ता हाई कोर्ट को इसकी जानकारी भी दी थी।
स्पीकर ने कहा कि जिस तरह लोकसभा सदस्य की गिरफ़्तारी के पहले उस सदन के अध्यक्ष की अनुमित ज़रूरी है, उसी तरह विधानसभा सदस्य की गिरफ़्तारी के पहले सदन के अध्यक्ष की अनुमति भी ज़रूरी है।