इंडिया टुडे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का दौरा कर सकते हैं और संदेशखाली की उन महिलाओं से मुलाकात कर सकते हैं जिन्होंने टीएमसी नेताओं के खिलाफ यौन हिंसा के आरोप लगाए थे। इंडिया टुडे टीवी के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अधिकारी ने कहा कि पीएम मोदी के दौरे की तैयारी की जा रही है। अधिकारी ने कहा, उनकी यात्रा की तारीखों को प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
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सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि प्रधानमंत्री 7 मार्च को उत्तर 24 परगना के बारासात का दौरा कर सकते हैं।
संदेशखाली की स्थिति एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर राज्य सरकार को परेशान करने का आरोप लगाया है। संदेशखाली की घटना के केंद्र में भी टीएमसी नेता शाहजहां शेख है। जिन पर भाजपा ने पिछले दिनों भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। भाजपा के मुताबिक संदेशखाली में कई महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों पर "जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न" का आरोप लगाया है।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा हुआ है। सोमवार 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली में यौन हिंसा के आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने के अनुरोध को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने पिछले साल मणिपुर में हुई ऐसी ही कार्रवाई का हवाला देते हुए एसआईटी जांच की दलील दी थी।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह संदेशखाली मुद्दे की तुलना मणिपुर की स्थिति से न करें।
पश्चिम सीएम बनर्जी ने कहा कि वह टीएमसी नेताओं द्वारा यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच करने के लिए अधिकारियों को संदेशखाली भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी की जमीन ली गयी है तो उसे वापस किया जायेगा। ममता ने कहा- "मैंने कभी भी अन्याय का समर्थन नहीं किया है। किसी भी महिला ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। मैंने पुलिस से मामला दर्ज करने के लिए कहा। हमारे ब्लॉक अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे मामलों में कितने भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया गया है?"
भाजपा ने बनर्जी के आरोपों पर पलटवार किया और उन्हें ''निराधार'' बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का कहना है कि "पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। सच्चाई यह है कि टीएमसी और राज्य सरकार के अधिकारी, चाहे वह पुलिस हो या स्थानीय प्रशासन, स्थानीय लोगों पर अत्याचार करते समय एकसाथ हैं। यह पश्चिम बंगाल की सच्ची तस्वीर है।“
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली का दौरा करने की अनुमति दी। अदालत ने भाजपा नेता को अपनी यात्रा के दौरान कोई भी ''भड़काऊ भाषण'' नहीं देने का आदेश दिया। सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली में रहने के दौरान किसी भी "गैरकानूनी गतिविधियों" में शामिल नहीं होने के लिए भी कहा गया है।
ईडी की नजर शाहजहां शेख पर
भाजपा ने संदेशखाली मामले में भी टीएमसी नेता शाहजहां शेख का नाम लिया है। इस नेता पर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर पहले से ही है। जनवरी में ईडी की एक टीम पर हमले के बाद से संदेशखाली राजनीतिक तूफान के केंद्र में है, जब वे टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने जा रहे थे। उसी समय से शाहजहां फरार है। अब कई महिलाएँ कई टीएमसी नेताओं के खिलाफ यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोप लेकर सामने आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं को चुनकर तृणमूल पार्टी कार्यालय में ले जाया गया, रात-रात भर वहां बंधक बनाकर रखा गया और तृणमूल सदस्यों के "संतुष्ट" होने के बाद ही उन्हें छोड़ा गया।
महिलाओं की शिकायतों के आधार पर पुलिस ने शाहजहां शेख के करीबी दो टीएमसी नेताओं शिबा प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर गैंगरेप के आरोप हैं। इससे पहले राशन घोटाले में शाहजहां शेख का नाम सामने आया था। ईडी ने उस मामले में केस दर्ज कर रखा है और जांच कर रही है।