अधीर रंजन बोले- बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस में शामिल हों ममता 

09:30 am Jan 16, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की ओर से यह अपील करने के बाद कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस और वाम दल उसके साथ आएं, अब कांग्रेस की ओर से कुछ ऐसी ही अपील की गई है। 

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बीजेपी को हराने  के लिए कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए। 

कांग्रेस संसदीय दल के नेता चौधरी ने उत्तरी 24 परगना के बारासात में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘ममता बनर्जी 2011 में कांग्रेस की मदद से सत्ता में आई थीं। लेकिन इसके बाद उन्होंने हमारी पार्टी को ख़त्म करने की कोशिश की। अब जब बीजेपी यहां मजबूत हो रही है तो वह हमसे समर्थन मांग रही हैं, बजाय इसके कि उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए।’ चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की मदद के बिना पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोक पाना संभव नहीं है। 

इससे पहले बुधवार को टीएमसी के सांसद सौगत राय ने अपील की थी कि कांग्रेस और वाम दल बीजेपी की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के ख़िलाफ़ टीएमसी के साथ आएं। 

सौगत राय ने कहा था कि ममता बनर्जी सेक्युलर राजनीति का असली चेहरा हैं। हालांकि सौगत की इस अपील को कांग्रेस और वाम दलों ने ख़ारिज कर दिया था। सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती और कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान ने कहा था कि टीएमसी बीजेपी के ख़िलाफ़ लड़ना नहीं चाहती और बीजेपी भी उसके ख़िलाफ़ नहीं लड़ना चाहती।

बंगाल में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं और जिस तरह बीजेपी के बड़े नेता लगातार राज्य के दौरे कर रहे हैं, उससे विपक्षी दलों के नेताओं में खलबली है। बीते कुछ दिनों में टीएमसी के कई बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और कुछ और नेताओं के शामिल होने के दावे किए जा रहे हैं।

कांग्रेस-वाम दल आए साथ

बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और वाम दलों ने इस बार भी गठबंधन किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इस गठबंधन का प्रदर्शन ख़राब रहा था। इसलिए ऐसा माना जा रहा था कि दोनों दल इस बार गठबंधन नहीं करेंगे। लेकिन सियासी हालात को देखते हुए दोनों को फिर साथ आना पड़ा। 

बंगाल में कांग्रेस और वाम मोर्चा के फिर से साथ आने का मतलब ख़ुद के वजूद को बचाने की कोशिश है क्योंकि ऐसा लग रहा है कि राज्य में सीधी सियासी लड़ाई है और यह बीजेपी और टीएमसी के बीच है। 

कांग्रेस यह आरोप लगाती है कि यह ममता बनर्जी ही हैं, जिन्होंने 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़कर उसे बंगाल में पैर पसारने का मौक़ा दिया जबकि उसने तब ममता को सावधान भी किया था।

पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाने के मक़सद से राज्य में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे बीजेपी के नेताओं के जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी जनसभाओं, रैलियों से चुनावी माहौल बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर हमले तेज़ किए हैं। बीजेपी का कहना है कि ममता सरकार में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की लगातार हत्या हो रही है। 

दूसरी ओर, ममता बनर्जी जल्द ही कोलकाता में विपक्षी नेताओं की एक रैली का आयोजन करने जा रही हैं और इसमें वह अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, डीएमके प्रमुख स्टालिन समेत कई नेताओं को बुला रही हैं।