'मुसलमान वोट' बयान पर ममता को चुनाव आयोग का नोटिस

09:58 pm Apr 07, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुसलिम वोटों के बँटवारे के मुद्दे पर उनके बयान को ध्यान में रख कर उन्हें नोटिस जारी किया है। उन्हें 48 घंटे के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। ममता बनर्जी ने 3 अप्रैल को एक जनसभा में मुसलमानों से कहा था कि वे अपना वोट न बँटने दें। 

बीजेपी ने सोमवार को चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी। उसने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में कहा था कि ममता बनर्जी ने मुसलमानों से एकजुट होकर वोट डालने की अपील कर जन प्रतिनिधि क़ानून का उल्लंघन किया है। 

मोदी का पलटवार

ममता ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और अब्बास सिद्दीकी के इंडियन सेकुलर फ्रंट की बजाय टीएमसी के पक्ष में मतदान करने की बात कही थी। 

याद दिला दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में तीसरे चरण के मतदान के दौरान ही कूचबिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था, “दीदी, वैसे तो आप चुनाव आयोग को गालियाँ देती हैं, लेकिन हमने यह कहा होता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, बीजेपी को वोट दो, तो हमें चुनाव आयोग के 8-10 नोटिस मिल गए होते।”

पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बयान के जरिए मोदी ने एक तीर से दो निशाना साधा है।

मोदी ने अपरोक्ष रूप से यह संकेत दे दिया कि हिन्दुओं को एकजुट होकर बीजेपी को वोट देना चाहिए। दूसरे, उन्होंने यह संकेत भी दे दिया कि चुनाव आयोग को ममता बनर्जी को नोटिस भेजना चाहिए।

बीजेपी की दूसरी शिकायत

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल चुनाव अधिकारी को एक और शिकायत की है। उसने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने  6 अप्रैल को उलुबेड़िया दक्षिण से बीजेपी उम्मीदवार पापिया अधिकारी पर हमला किया था। 

बीजेपी ने चुनाव आयोग से यह भी शिकायत की है कि ममता बनर्जी ने लोगों से कहा है कि वे केंद्रीय सुरक्षा बल के लोगों का घेराव करें और उन्हें अपना काम न करने दें। 

सीआरपीएफ़ पर आरोप

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनके समर्थकों को केंद्रीय रिज़र्व सुरक्षा बल के जवान गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर परेशान कर रहे हैं। राज्य के उत्तरी इलाक़े कूचबिहार में एक जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि सीआरपीएफ़ के जवानों ने मतदान के दौरान महिलाओं से छेड़खानी की है और लोगों को पीटा है। 

उन्होंने कहा, "सीआरपीएफ़ के लोग मतदाताओं को वोट डालने से रोक रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया है।"

मममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव के दौरान राज्य में 10 लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा,

मैं आपसे गुजारिश करती हूँ कि राज्य में ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ़ जवानों पर नज़र रखें। उन्हें महिलाओं से छेड़छाड़ नहीं करने दिया जाए। ऐसे मामले हैं कि केंद्रीय बलों के लोगों ने लड़कियों से छेड़खानी की है।


ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

रिटर्निंग अफ़सर बदले

एक दूसरी घटना में चुनाव आयोग ने 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को कोलकाता में होने वाले चुनाव के लिए आठ विधानसभा क्षेत्रों के रिटर्निंग अफ़सरों को हटा दिया है। अंतिम दो चरणों में होने वाले मतदान के लिए चुनाव आयोग ने कोलकाता के चौरंगी, इंटाली, भवानीपुर, बेलियाघाटा, जोड़ासांकू, श्यामपुकुर, काशीपुर-बेलगछिया और कोलकाता पोर्ट में नए रिटर्निंग अफ़सरों को तैनात करने का ऐलान किया है। 

याद दिला दें कि मंगलवार को तीसरे चरण के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट वारदात हुईं। टीएमसी के नेता के घर से 4 ईवीएम और 4 वीवीपैट मशीन मिलने का मामला दिन भर गर्म रहा। टीएमसी नेता के वहां ये ईवीएम और वीवीपैट एक पोलिंग अफ़सर ने रखे थे, जो उनका रिश्तेदार है। पोलिंग अफ़सर रात को रिश्तेदार के घर पर ही रुका था। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने इस पोलिंग अफ़सर को सस्पेंड कर दिया। इस मामले में एफ़आईआर भी दर्ज कर ली गई है।