प्रधानमंत्री मोदी-ममता बनर्जी विवाद के बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री के सलाहकार बने आलापन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार ने अब नोटिस भेजा है। उनसे पूछा गया है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली बैठक से अनुपस्थित क्यों रहे थे। पिछले कुछ दिनों से मोदी-ममता विवाद के केंद्र में आलापन बंद्योपाध्याय हैं। विवादों के बीच ही वह एक दिन पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्ति से पहले उनके कार्यकाल को तीन महीने इसलिए बढ़ा दिया गया था कि कोरोना महामारी से बेहतर तरीक़े से निपटा जा सके। हालाँकि 'यास' तूफ़ान को लेकर बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की बैठक वाले विवाद के बाद अलापन को केंद्र सरकार ने दिल्ली बुला लिया था, लेकिन ममता ने उन्हें दिल्ली भेजने से साफ़ इनकार कर दिया था।
आलापन को कल शाम को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया जिसमें उन्हें बंगाल में चक्रवात 'यास' पर पीएम मोदी की बैठक से उनकी अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस दिया है। आअलापन को तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
ममता बनर्जी और उनकी टीम ने शुक्रवार को बंगाल में चक्रवात यास के प्रभाव की समीक्षा करने के लिए पीएम मोदी के साथ बैठक को टाल दिया था। हालाँकि उन्होंने हवाई अड्डे पर एक संक्षिप्त बातचीत की थी जहाँ प्रधानमंत्री हवाई समीक्षा के बाद उतरे थे।
इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार शाम को ही आलापन बंद्योपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया और उनकी जगह एच. के. द्विवेदी को मुख्य सचिव नियुक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बंद्योपाध्याय को सचिवालय नहीं छोड़ने देंगी और अब वे उनके मुख्य सलाहकार हैं।
ममता ने कहा कि उनकी सरकार को बंद्योपाध्याय की सेवाओं की ज़रूरत है और इस बात को सभी लोग जानते हैं कि उन्होंने कैसा काम किया है और इसी वजह से आज हम सुरक्षित हैं। अलापन को बंगाल और देश के लिए अपनी सेवाएं जारी रखनी चाहिए।
28 मई की रात को केंद्र सरकार ने आलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश जारी किया था जबकि उससे चार दिन पहले ही उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। केंद्र की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि बंगाल सरकार 31 मई की सुबह तक बंद्योपाध्याय को दिल्ली के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में भेज दे। यह मंत्रालय पीएमओ के तहत आता है।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते शुक्रवार को यास तूफ़ान को लेकर समीक्षा बैठक लेने कोलकाता पहुंचे थे तो कहा गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें आधे घंटे तक इंतजार कराया था। इस बैठक में राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे थे। इसे लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच जमकर जुबानी जंग भी हुई थी।
ममता बनर्जी ने बाद में इन आरोपों का खंडन किया था और उन्होंने आरोप लगाया था कि उल्टे मुख्यमंत्री और उनकी टीम को कई मिनटों तक इंतज़ार कराया गया था। उन्होंने कहा कि जब उनकी टीम पहुंची तो उन्हें कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ज़रूरी बैठक ले रहे हैं और इस कारण उन्हें इंतज़ार करना पड़ा था।