ऑल्ट न्यूज़ के संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश की लखीमपुर खीरी पुलिस ने वारंट जारी किया है। यह वारंट उनके खिलाफ मोहम्मदी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मुकदमे के मामले में जारी किया गया है। इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि मोहम्मद ज़ुबैर ने दो समूहों के बीच नफरत फैलाने का काम किया है।
बता दें कि शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज एक मामले में मोहम्मद ज़ुबैर को 5 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। लेकिन दिल्ली पुलिस के द्वारा दर्ज एक अन्य मुकदमे में जमानत ना होने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ सके थे।
लखीमपुर खीरी की स्थानीय अदालत ने मोहम्मद ज़ुबैर से 11 जुलाई को हाजिर होने के लिए कहा है। अदालत के आदेश पर ही लखीमपुर खीरी में ज़ुबैर के खिलाफ यह मुकदमा पिछले साल दर्ज हुआ था।
शुक्रवार को लखीमपुर खीरी पुलिस ने स्थानीय अदालत का रुख किया और वहां से वारंट हासिल किया। इस मामले में आशीष कुमार कटियार नाम के शख्स ने ज़ुबैर के खिलाफ ट्विटर पर फर्जी खबर फैलाने का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने अपनी शिकायत में कहा था कि ज़ुबैर के ट्वीट से सांप्रदायिक सौहार्द्र खराब हो सकता है।
इसके बाद ज़ुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए यानी दो समूहों के बीच नफरत फैलाने के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
कुछ दिन पहले ही ज़ुबैर को दिल्ली से सीतापुर लाया गया था और सीतापुर की एक स्थानीय अदालत ने उन्हें 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज़ुबैर को सीतापुर वाले मामले में जमानत दे दी गई थी लेकिन दिल्ली और लखीमपुर खीरी के मामले अभी भी लंबित हैं।
ज़ुबैर को कुछ दिन पहले साल 2018 में उनके द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस ट्वीट के खिलाफ किसी गुमनाम ट्विटर यूजर ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी। हालांकि बाद में यह अकाउंट ट्विटर प्लेटफार्म से गायब हो गया।