विद्या बालन के साथ मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री के कथित ‘डिनर’ को लेकर फ़िल्म ‘शेरनी’ के प्रोड्यूसर की सफ़ाई के विवाद बढ़ता दिख रहा है। प्रोड्यूसर ने तो यहाँ तक कह दिया है कि डिनर का न्यौता मंत्री की ओर से नहीं, बल्कि फ़िल्म यूनिट की ओर से मंत्री दिया गया था जिसे मंत्री ने ही नकार दिया। यानी मामला सीधे उलटा हो गया। पहले इस मामले में कांग्रेस ने मंत्री से इस्तीफ़ा भी माँग लिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और बीजेपी प्रदेश संगठन द्वारा मामले पर मंत्री से सफ़ाई माँगे जाने संबंधी चर्चाएँ भी थीं।
इस बीच प्रोड्यूसर की सफ़ाई के बाद कांग्रेस ने मंत्री पर राजनीतिक हमला और तेज़ कर दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘प्रोड्यूसर की सफ़ाई, दाल में काला नहीं - बल्कि पूरी दाल ही काला होने की बात का संदेह पैदा करती है।’
जील इंटरमेंट प्राइवेट लिमिटेड फिल्म ‘शेरनी’ को प्रोड्यूस कर रहा है। विद्या बालन फ़िल्म में लीड रोल में हैं। कहानी महाराष्ट्र के यवतमाल में आतंक का पर्याय रह चुकी एक आदमखोर शेरनी की सच्ची कहानी पर आधारित है। लोगों की जान बचाने के लिए शेरनी को मारने के आदेश हुए थे। आदेश पर महाराष्ट्र की एक जांबाज फ़ॉरेस्ट अफ़सर और उसकी टीम ने अपनी जान पर खेल कर लोगों को शेरनी के आतंक से मुक्त कराया था।
यवतमाल की इस सच्ची घटना को ‘रील लाइफ़’ में पिरोया जा रहा है। फ़िल्म में विद्या बालन साहसी डीएफ़ओ का रोल निभा रही हैं। पूरी कहानी जंगल के आसपास घूमती है। इसी वजह से जंगलों में शूट चल रहा है।
मध्य प्रदेश के कई जंगल फ़िल्म के लोकेशन हैं। इसी क्रम में पिछले 20 अक्टूबर से इस महीने (नवंबर) की 24 तारीख़ तक शूट नेशनल पार्क कान्हा के जंगलों में हुआ। बालाघाट के समीप की लोकेशन को शूट के लिए चुना गया था।
आठ नवंबर को मध्य प्रदेश के बहुचर्चित वन मंत्री विजय शाह बालाघाट पहुँचे थे। उनकी विद्या बालन के साथ मुलाक़ात हुई थी। आरोप है कि विजय शाह ने विद्या बालन को अपने साथ डिनर का न्योता दिया था और बिद्या बालन इसके लिए तैयार नहीं हुई थीं।
मध्य प्रदेश फ़ॉरेस्ट के अमले ने कथित तौर पर फ़िल्म यूनिट को अपने ‘निशाने’ पर लेना शुरू कर दिया। आरोप यह भी रहा कि अनुमति के नाम पर फ़िल्म यूनिट के वाहनों को रोका गया जिससे फ़िल्म की शूटिंग बाधित हुई। हालाँकि भोपाल के हस्तक्षेप पर बाद में चीजें सामान्य हो गईं।
शूटिंग का शिड्यूल 24 नवंबर को पूरा हुआ। इसके बाद विद्या बालन और फ़िल्म की यूनिट अपने अगले पड़ाव के लिए मध्य प्रदेश से रवाना हो गई। गत दिवस मंत्री शाह और बालन के ‘डिनर’ संबंधी ख़बर मीडिया में आयी तो राजनीति शुरू हो गई।
मंत्री विजय शाह 'हटके' जीवनशैली के लिए ख्यात हैं। मसखरी और बिगड़े बोलों के आरोपों में भी वह कई बार घिरे हैं, लिहाज़ा कथित डिनर वाली ख़बर के बाद विरोधी उन पर बरस पड़े।
इस्तीफ़े की माँग
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सालूजा ने वन मंत्री शाह से इस्तीफ़े की माँग कर ली। सालूजा ने ट्वीट करते हुए यह भी कहा, ‘मध्य प्रदेश में फ़िल्म शूटिंग लोकेशनों में बाॅलीवुड की दिलचस्पी को रोज़गार का नया ज़रिया बनाने संबंधी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयासों में शिवराज के मंत्री ने पलीता लगा दिया।’
सालूजा ने मुख्यमंत्री से माँग की, ‘संभावनाओं को धूमिल करने और अपने कृत्य के ज़रिये प्रदेश को शर्मसार करने वाले मंत्री शाह को कैबिनेट से वह बिना देर किये निकाल दें।’
उधर बीजेपी में शाह से खुन्नस रखने वाले भी सक्रिय हो गये। ख़बर तो यह भी आयी कि बीजेपी प्रदेश संगठन ने पूरे मामले पर विजय शाह से सफ़ाई माँग ली। चर्चा थी कि मुख्यमंत्री ने भी जवाब-तलब किया है। तमाम राजनैतिक दांव-पेंच के बीच बालाघाट वन महकमे के अधिकारी विभाग के मंत्री के पक्ष में खड़े नज़र आये।
प्रोड्यूसर ने क्या दी सफ़ाई
शाम को फ़िल्म के प्रोड्यूसर और जील इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के कर्ताधर्ता सैयद जेद अली ने एक बयान जारी कर दावा किया, ‘बालाघाट में फ़िल्म की शूटिंग के दौरान किसी तरह का व्यवधान पैदा नहीं हुआ। सरकारी स्तर पर वन विभाग और प्रशासन की तरफ़ से पूरा सहयोग मिला।’
प्रोड्यूसर ने अपनी सफ़ाई में यह भी दावा किया कि - ‘मंत्री के डिनर ऑफ़र से जुड़ी जो ख़बर मीडिया में आयी, वह मनगढ़ंत है। मंत्री को बदनाम किया गया। इसका हमें अत्यंत दुःख है।’
प्रोड्यूसर ने बयान में आगे कहा,
“
सच यह है कि वन मंत्री को हमारी टीम ने डिनर पर आमंत्रित किया था। डिनर प्लान हमारी टीम का था, लेकिन व्यस्त कार्यक्रम होने की वजह से मंत्री जी नहीं आ पाये।
सैयद जेद अली, शेरनी फ़िल्म के प्रोड्यूसर
प्रोड्यसर के बयान को कांग्रेस ने मंत्री का ‘प्रबंधन’ क़रार देकर भी घेरा।
मुख्यमंत्री की पत्नी पर कर दी थी टिप्पणी
विजय शाह बिगड़े बोलों को लेकर कई बार फँसे हैं। शिवराज सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल के दूसरे दौर 2013 में ‘हास्य विनोद’ करते हुए महिला वर्ग और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह को लेकर शाह द्वारा एक सार्वजनिक समारोह में की गई द्वि-अर्थी टिप्पणी पर ख़ूब बवाल मचा था। इस पूरे मामले का पटाक्षेप मंत्री के इस्तीफ़े से हुआ था।
नहीं आया मंत्री का जवाब!
पूरे मामले पर प्रतिक्रिया के लिए ‘सत्य हिन्दी’ ने वन मंत्री विजय शाह से संपर्क साधा। उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। मैसेज किया, टेक्स्ट करें। इसके बाद ‘सत्य हिन्दी’ ने विद्या बालन डिनर विवाद को लेकर प्रतिक्रिया से जुड़ा सवाल एसएमएस किया, लेकिन मंत्री का जवाब नहीं आया।