पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री होंगे। शनिवार को देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई और इसमें नए मुख्यमंत्री का चुनाव किया गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी पार्टी के नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और उन्हें इस संबंध में पत्र सौंपा।
केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और डी. पुरंदेश्वरी बीजेपी विधायक दल की बैठक में मौजूद रहे। बैठक में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम व सह प्रभारी रेखा वर्मा भी मौजूद रहीं। इस सारे सियासी घटनाक्रम से उत्तराखंड का सियासी माहौल बेहद गर्म है।
इससे पहले तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार रात को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था। तीरथ सिंह को तीन दिन पहले ही अचानक दिल्ली बुलाया गया था और इसके बाद से ही राज्य के अंदर उनके इस्तीफ़े की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था।
कौन हैं पुष्कर सिंह धामी?
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की खटीमा सीट से विधायक हैं। 45 साल के युवा धामी लगातार दो बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। धामी को पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का क़रीबी माना जाता है।
धामी ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति शुरू की थी और उसके बाद वह दो बार उत्तराखंड में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे थे। धामी की अपने इलाक़े में अच्छी सक्रियता रही है।
कुछ ही महीने में दो बार मुख्यमंत्री बदले जाने के कारण उत्तराखंड में बीजेपी की खासी किरकिरी हो चुकी है। राज्य में 7 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में धामी और बीजेपी की उत्तराखंड इकाई के सामने विधानसभा का चुनाव जीतना मुश्किल काम है।
उधर, तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया था और कहा कि संवैधानिक संकट के कारण यह क़दम उठाना पड़ा।
तीरथ संवैधानिक संकट का सामना कर रहे थे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 151ए के मुताबिक़, चूंकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं इसलिए उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए मुख्यमंत्री चुने जाने के दिन से छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना ज़रूरी था और यह समय सीमा 9 सितंबर को ख़त्म हो रही थी।
लेकिन यहां एक मुश्किल थी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का अनुच्छेद 151ए यह भी कहता है कि ऐसे राज्य में जहां चुनाव होने में एक साल से कम का वक़्त हो, वहां उपचुनाव नहीं कराए जा सकते।
तीरथ सिंह रावत अभी पौड़ी सीट से सांसद हैं और उन्होंने 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।