उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने सोमवार 13 नवंबर सुबह बताया कि "सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं। सभी सुरक्षित हैं, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है...।"
सीओ ने बताया कि "वर्तमान स्थिति यह है कि कल (12 नवंबर) हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया। हम सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए, और लगभग 35 मीटर अभी भी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बग़ल में अपना रास्ता बना रहे हैं। संचार स्थापित करने के बाद, पता चला है कि लगभग 40 लोग अंदर फंसे हुए हैं...।"
सीएमओ ने बताया है कि सिल्कयारा टनल में चल रहे बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी सोमवार सुबह 11.15 बजे उत्तरकाशी में सिल्कयारा के पास एक सुरंग से भूस्खलन की घटना का स्थलीय निरीक्षण करेंगे और राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे।
यह हादसा ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा में रविवार सुबह भूस्खलन के बाद हुआ। यह सुरंग सिल्क्यारा को डंडालगांव से जोड़ती है। सूचना मिलते ही राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष यानी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों और पुलिस कर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया।
घटना रविवार सुबह करीब चार बजे हुई थी, जब साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का 150 मीटर लंबा हिस्सा ढह गया। मीडिया रिपोर्यों के अनुसार शुरुआती जानकारी मिली है कि भूस्खलन सुरंग के प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी पर हुआ है, जबकि श्रमिक प्रवेश द्वार से 2,800 मीटर दूर थे।
ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत योजनाबद्ध, 4.5 किमी लंबी सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड की देखरेख में नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। कंपनी की ओर से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। हालांकि उत्तराखंड में बनाई जा रही सुरंगे विवाद में भी हैं। जोशीमठ में पिछले दिनों मकानों में पड़ी दरारों के लिए इन सुरंगों के जाल को जिम्मेदार बताया गया है।