एक बेहद चौंकाने वाले घटनाक्रम में कथित तौर पर एक एंबुलेंस का रास्ता रोके जाने की वजह से एक मरीज़ की मौत हो गई। आरोप कथित तौर पर बीजेपी नेता उमेश मिश्रा पर लगा है। आरोप है कि उन्होंने अपनी कार सड़क पर इस तरह खड़ी कर दी थी कि एंबुलेंस का रास्ता रुक गया था। मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है।
मरीज़ की पहचान सुरेश चंद्र के रूप में हुई है। न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार सुरेश चंद्र के परिवार ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इस मामले में सवाल उठाए तो उमेश मिश्रा ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।
रिपोर्ट के अनुसार मरीज़ सुरेश चंद्रा को शनिवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद परिवार के सदस्य उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल ले जा रहे थे। उन्होंने कहा है कि जब डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है तो वे जिला अस्पताल से जा रहे थे। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें कथित तौर पर रुकना पड़ा क्योंकि बीजेपी नेता अपनी कार सड़क पर खड़ी कर कहीं चले गए थे।
काफ़ी देर तक एंबुलेंस वहीं खड़ी रही। एनडीटीवी ने रिपोर्ट दी है कि एंबुलेंस 30 मिनट से ज्यादा रुकी रही और इस बीच सुरेश चंद्र दर्द से कराहते हुए अंदर ही मर गए। रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेता बाद में जब लौटे तो विरोध करने पर वह ग़ुस्से में अपशब्द कहने लगे।
सोशल मीडिया पर वायरल एक कथित वीडियो में मिश्रा को मृतक के रिश्तेदार को अपशब्द कहते सुना जा सकता है। वीडियो में वह खुद को बीजेपी नेता और ब्लॉक प्रमुख राम किंकर पांडे का भाई बताते हैं। वह उस वीडियो में मृतक के परिजनों को कथित तौर पर पुलिस केस में फँसाने की धमकी देते सुने जा सकते हैं।
वीडियो में सुना जा सकता है कि भाजपा नेता ने दावा किया कि जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक उनके निर्देश पर काम करते हैं। वह यह भी धमकी देते हैं कि उनकी ज़िंदगी को ख़त्म कर देंगे। वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी घटनास्थल पर खड़े नजर आ रहे हैं, लेकिन जब भाजपा नेता मृतक के परिवार पर चिल्ला रहे थे तो किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोग पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आख़िर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।