उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल इन दिनों एक नारा जोर-शोर से लगाते हैं। यह नारा है- ‘जब-जब योगी डरता है, पुलिस को आगे करता है।’ योगी आदित्यनाथ के 2017 में सत्ता संभालने के बाद पुलिस पर विपक्षी दलों के नेताओं को पीटने-नजरबंद करने, धड़ाधड़ एनकाउंटर करने, नागरिकता संशोधन क़ानून के दौरान मुसलमानों के घरों में घुसकर लाठीचार्ज करने के आरोप लगे।
यह भी कहा गया कि योगी अपनी जाति के लोगों को ही पुलिस में अहम पदों पर पोस्टिंग दे रहे हैं और उत्तर प्रदेश में पुलिसिया गुंडई चरम पर है लेकिन योगी का अपनी पुलिस पर पूरा भरोसा बना रहा।
हाथरस मामले में इसी पुलिस ने योगी आदित्यनाथ की कुर्सी खिसकाने की नौबत पैदा कर दी है। क्योंकि पुलिस दलित युवती से बलात्कार के मामले में 8 दिन बाद गैंगरेप की धारा जोड़े जाने से लेकर, युवती के शव को रातों-रात दिल्ली के सफदरजंग से हाथरस लाकर मां-बाप के लाख बिलखने के बाद भी रात को ही जला देने के आरोपों से घिरी है। राहुल-प्रियंका गांधी, टीएमसी सांसदों से धक्का-मुक्की, दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं पर जानबूझकर लाठीचार्ज करने के आरोप उस पर हैं ही।
धमका रहे दो युवक
इसी बवाल के बीच, रविवार शाम को आया एक नया वीडियो योगी सरकार की मुश्किलें बहुत ज़्यादा बढ़ा सकता है। वीडियो विस्फोटक है और कांग्रेस ने इसे तमाम ट्विटर हैंडलों पर तेजी से दौड़ा दिया है। वीडियो में दो युवक बैठे हैं। उनमें से एक युवक चिल्लाकर कहता है- ‘इसको सीबीआई पर भरोसा नहीं है, इसको एसआईटी पर भरोसा नहीं है, इसको कानून पर भरोसा नहीं है, एक बार मुलाक़ात कर, हम तुझे भरोसा दिलाएंगे।’
युवक आगे कहता है, ‘जो तू यहां राजनीति कर रहा है ना, तुझे भरोसा दिला देगा...। एक बार भरोसा दिला बेटा, बाहर आ। तेरे से मुलाक़ात करने तेरे भाई आए हैं बड़े... जल्दी आ।’ बगल में बैठा युवक कहता है- ठाकुर घर में पैदा होना...। आगे वह कुछ और भी कहता है। कहा जा रहा है कि ये लोग पीड़िता के परिवार को धमकी दे रहे हैं और उसके गांव के आसपास ही बैठे हैं।
पीछे पुलिस भी तैनात है
आप सीन समझिए- इन दोनों की आवभगत हो रही है। उनके लिए कुर्सियां लगी हुई हैं, गांव की एक महिला उन्हें पानी पिला रही है और सबसे बड़ी बात जनता के पैसे से तनख्वाह पाने वाली पुलिस के कई कर्मचारी उनके पीछे खड़े हैं। ऐसा लगता है कि उनकी सुरक्षा में तैनात हैं, वरना ये लोग ऐसे कैसे धमकी दे देते।
योगी के झूठ का पर्दाफ़ाश
पीड़िता का परिवार बेहद ग़रीब है और ऊपर से दलित समुदाय से है। उनकी अगर कोई सुनने वाला होता तो योगी सरकार और यूपी पुलिस अभी तक युवती से बलात्कार को लेकर अंधाधुंध झूठ नहीं बोल चुकी होती। हालांकि उसके झूठों का पर्दाफ़ाश हो चुका है क्योंकि पीड़िता की मेडिको-लीगल रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पीड़िता ने बलात्कार किए जाने की बात कही थी और डॉक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की थी।
बहरहाल, यह वीडियो तब सामने आया है जब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच साफ कह चुकी है कि पीड़िता के परिवार पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा। उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और 12 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में अदालत उनका भी पक्ष सुनेगी। ट्विटर पर कुछ लोगों ने कहा है कि वे इस वीडियो को अदालत में पेश करेंगे।
योगी सरकार कैसे कह रही है कि पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ। देखिए, वीडियो -
यूपी में बदतर हालात
इस वीडियो के सामने आने के बाद केंद्र सरकार, बीजेपी या योगी आदित्यनाथ सरकार कतई यह नहीं कह सकती कि प्रदेश में गुंडों का राज नहीं चल रहा है। क्योंकि जिस घर में एक युवती के साथ हैवानियत के बाद उसकी मौत हुई हो, आज पूरा देश उसके साथ खड़ा हो, मीडिया, विपक्ष साथ खड़ा हो, तब दो गुंडे पुलिस के साथ आकर इस तरह की धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करें।
सोचिए, कुछ दिन बाद जब मीडिया नहीं होगा, पुलिस नहीं होगी, विपक्ष हर वक्त साथ रह नहीं सकता तो इन लोगों को कौन बचाएगा। इससे उत्तर प्रदेश के आम लोगों और खासकर दलितों की क्या स्थिति है, इस बारे में सोचा-समझा जा सकता है।