कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को लखनऊ में पुलिस के द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता एस.आर.दारापुरी के घर जाने से रोके जाने को लेकर कांग्रेस बेहद नाराज है। कांग्रेस ने कहा है कि प्रियंका गाँधी के साथ पुलिसकर्मियों ने अभद्रता की है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस पर इसे लेकर हमलावर हैं लेकिन बीजेपी ने भी इसे लेकर जोरदार पलटवार किया है।
प्रियंका गाँधी के कार्यालय की ओर से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) को इस बारे में ख़त लिखा गया है। सूत्रों के मुताबिक़, सीआरपीएफ़ के महानिदेशक प्रदीप कुमार सिंह को लिखे इस ख़त में आरोप लगाया है कि लखनऊ में एक सर्किल अफ़सर ने प्रियंका के सुरक्षाकर्मी को धमकी दी और उनके कार्यक्रमों को रोके जाने की चेतावनी दी। सूत्रों के मुताबिक़, प्रियंका गाँधी के कार्यालय की ओर से इस पुलिस अफ़सर के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करने की माँग की गई है।
कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और प्रियंका की एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सुरक्षा हटाने का फ़ैसला किया था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या के बाद पूरे गाँधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा कवर दिया गया था। अब गाँधी परिवार के पास जेड प्लस सुरक्षा है। इसके तहत सोनिया, राहुल और प्रियंका देश भर में जहां भी जाते हैं, उनके साथ सुरक्षाकर्मियों के अलावा सीआरपीएफ़ के कमांडो भी साथ रहते हैं।
ख़त में कहा गया है कि हजरतगंज के पुलिस अफ़सर अभय मिश्रा ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। ख़त में प्रियंका के कार्यालय ने लिखा है, ‘हजरतगंज के सीओ अभय मिश्रा अपने दर्जन भर पुलिसकर्मियों के साथ बिना अनुमति के उस इमारत में चले गए, जहाँ प्रियंका गाँधी ठहरी हुई थीं। इसके बाद मिश्रा ने सीआरपीएफ़ के कर्मियों के साथ गरमा-गरम बहस की और यह सब प्रियंका के कमरे से 5 मीटर की दूरी पर हुआ। अभय मिश्रा सीआरपीएफ़ के कर्मियों पर चिल्लाए और प्रियंका के कार्यक्रमों की सूची माँगी जबकि यह शुक्रवार को ही अधिकारियों को दे दी गई थी।’
ख़त में प्रियंका के कार्यालय ने लिखा है, ‘मिश्रा ने सीआपीएफ़ के कर्मियों पर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया और धमकी दी कि वह प्रियंका गाँधी को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराएंगे।’ ख़त में यह भी कहा गया है कि मिश्रा ने कहा कि वह इस जगह से प्रियंका को दो क़दम भी बाहर नहीं जाने देंगे।
कांग्रेस महासचिव के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि प्रियंका की निजी इमारत के अंदर जाने और उनके सुरक्षाकर्मियों को धमकाने या उनके कार्यक्रमों को रोकने का सीओ के पास कोई अधिकार नहीं है। ख़त में आगे लिखा है, ‘यह सब आपको (सीआरपीएफ़ के महानिदेशक) इसलिए बताया गया है कि सीआरपीएफ़ की ओर से इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए और इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि यूपी पुलिस के अफ़सर प्रियंका गाँधी के साथ इस तरह का व्यवहार दुबारा न करें और अच्छा आचरण करें।’
प्रियंका ने शनिवार को आरोप लगाया था कि जब वह एस.आर. दारापुरी से मिलने के लिए उनके घर जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और एक महिला अधिकारी ने उनका गला पकड़ कर खींचा। इसके बाद कांग्रेस यूपी पुलिस और योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर हो गई।
‘कायरों वाली हरकत कर रही बीजेपी सरकार’
प्रियंका ने फ़ेसबुक पोस्ट लिखकर कहा कि बीजेपी सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है। उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं और वह उत्तर प्रदेश में कहां जाएंगी, यह बीजेपी सरकार तय नहीं करेगी। इस दौरान प्रियंका गाँधी का लखनऊ की सड़कों पर स्कूटी पर जाते हुए एक वीडियो भी सामने आया। पुलिस के रोकने के बाद भी वह दारापुरी के परिजनों से मिलीं और उनका हालचाल जाना।
इस मामले में सियासत तेज़ होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की क्षेत्राधिकारी डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि प्रियंका गाँधी कांग्रेस के मॉल एवेन्यू स्थित प्रदेश कार्यालय से 23/2 कौल हाउस गोखले मार्ग के लिए निकलीं लेकिन वह इस रास्ते से न होकर लोहिया पथ के लिए जाने लगीं, इस पर उनके काफिले को रोकना पड़ा।
पुलिस अफ़सर ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रियंका गाँधी का गला पकड़े जाने और उन्हें गिराने जैसी कुछ भ्रामक बातें प्रसारित की जा रही हैं, जो पूरी तरह झूठ हैं। पुलिस अफ़सर ने कहा कि उन्होंने अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी के साथ निभाया है।