काशी के घाटों पर लगे ऐसे पोस्टर जिनमें लिखा गया था कि यहां पर गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है उससे विश्व हिंदू परिषद ने दूरी बना ली है। इस मामले में पुलिस भी जांच कर रही है और पोस्टर्स को हटा दिया गया है।
पोस्टर में कहा गया था कि ये घाट और मंदिर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, आस्था और विश्वास की पहचान हैं और जिन लोगों का सनातन धर्म में भरोसा है उनका यहां स्वागत है।
पोस्टर में यह भी कहा गया था कि यहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। इस बात को चेतावनी के साथ लिखा गया था। यह पोस्टर सोशल मीडिया पर भी खासा वायरल हुआ था।
बीते साल भी कई मंदिरों के बाहर ऐसे पोस्टर चर्चा में आए थे जिनमें लिखा गया था कि यहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है।
काशी के एएसपी राजेश कुमार पांडे ने कहा कि हम इन पोस्टर को लगाने वालों की पहचान कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पोस्टर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के चिन्ह बने हुए थे। 2 लोगों का एक वीडियो भी सामने आया था और उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने ही इन पोस्टर्स को लगाया है। वीडियो में नजर आ रहे लोगों के नाम रंजन गुप्ता और निखिल त्रिपाठी हैं।
विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि कुछ लोग चर्चा में आने के लिए इस तरह के नादानी भरे काम करते हैं और यह संगठन ऐसे कामों का समर्थन नहीं करता। विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि वह भी इस मामले में जांच करेगा और उसके मुताबिक ही कार्रवाई की जाएगी।