लव जिहाद: पिंकी बोलीं- गर्भपात हो गया; प्रशासन ने नकारा

03:00 pm Dec 16, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

मुरादाबाद में धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत संरक्षण गृह में भेजी गई पिंकी के गर्भपात की ख़बरों को ज़िला प्रशासन द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब पिंकी ने ही यह आरोप लगा दिया है। पिंकी ने आरोप लगाया है कि संरक्षण गृह में उन्हें प्रताड़ित किया गया और उन्हें एक इंजेक्शन दिया गया जिसकी वजह से उनका गर्भपात हो गया। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में आया है। 'बीबीसी' से भी बातचीत में पिंकी ने यह आरोप लगाया है।

यह पिंकी वही हैं जिनको पुलिस ने पिछले रविवार को तब पकड़ लिया था जब वह युवक राशिद अली के साथ अपनी शादी का पंजीकरण करवाने जा रही थीं। दोनों ने इसी साल जुलाई महीने में ही शादी कर ली थी। पुलिस ने राशिद और उनके भाई सलीम अली को गिरफ़्तार कर लिया था और पिंकी को संरक्षण गृह में भेज दिया था।

लेकिन वह एकाएक तब फिर से सुर्खियों में आ गईं जब मीडिया रिपोर्टों में ख़बर आई कि पिंकी का गर्भपात हो गया है। इस दावे को ज़िला प्रशासन ने खारिज कर दिया तो मामला शांत हो गया लेकिन पिंकी ने अब आरोप लगाकर नये सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले यह भी सवाल उठ रहे थे कि आख़िर पिंकी का बयान क्यों नहीं कराया जा रहा है। 

बता दें कि जब पिंकी को संरक्षण गृह में भेजा जा रहा था तब पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था, 'मैंने राशिद के साथ 24 जुलाई को शादी कर ली है। मैं तब से मुरादाबाद के कांठ में रह रही हूँ। मैं एक वयस्क हूँ और मैंने मेरी इच्छा के अनुसार राशिद से शादी की।' माना जा रहा था कि कोर्ट में पिंकी का बयान कुछ ऐसा ही आएगा। और हुआ भी ऐसा ही।

क़रीब एक हफ़्ते बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने पिंकी का बयान दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार, युवती ने अदालत में दिए गए अपने बयान में अपनी मर्ज़ी से विवाह करने और ससुराल जाने की बात कही है। इसी के आधार पर पिंकी को ससुराल वालों के सौंप दिया गया।

बयान देने के अगले दिन मंगलवार की शाम को अपनी ससुराल में 'द हिन्दू' अख़बार से बातचीत में पिंकी ने कहा कि जिस तरह से उसे रक्तस्राव हो रहा है, उसे लगता है कि उसका गर्भपात हो गया है।'

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में एक सख़्स के पूछने पर पिंकी कहती हैं, 'नारी निकेतन पाँच तारीख़ (दिसंबर) को गई थी ढाई बजे रात को। मेरे को वहाँ पर टॉर्चर भी करा गया है। तीन दिन से अचानक से पेट में मेरे दर्द हुआ नारी निकेतन में। उन्होंने मुझे दिखाया नहीं। फिर ज़्यादा तबीयत ख़राब होने पर मुझे हॉस्पिटल लेकर गए थे। उसके बाद डॉक्टरों ने मुझे इंजेक्शन लगाए। उसके बाद फिर मुझे ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने लगी....। कल मेरे कोर्ट में बयान होने थे। मेरी फिर तबीयत ख़राब हुई तो मुझे फिर इंजेक्शन लगाए। तो मेरा मिसकैरेज भी हो चुका है।'

अभी तक यह पुष्ट नहीं है कि उस इंजेक्शन के कारण गर्भपात हुआ है या नहीं।

‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, पिंकी कहती हैं, 'पहले अल्ट्रासाउंड में मेरा गर्भ ठीक था लेकिन इंजेक्शन लगाने के बाद मेरा मिसकैरेज हो गया है।' रिपोर्ट के अनुसार, गर्भपात के सवाल पर मुरादाबाद पुलिस के प्रवक्ता का कहना था कि कल अस्पताल में डॉक्टरों ने पुलिस को बताया था कि गर्भ सुरक्षित है, इस बारे में अभी कोई नई जानकारी पुलिस को नहीं मिली है।

वीडियो में देखिए, कवित कृष्णन बोलीं- महिलाओं पर हमला है लव जिहाद क़ानून

जब तीन दिन पहले गर्भपात की मीडिया में ख़बर आई थी तब भी अधिकारियों ने उसको खारिज कर दिया था। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, ज़िला प्रोबेशन अधिकारी (मुरादाबाद) राजेश चंद्र गुप्ता ने तीन दिन पहले ही बताया था, 'मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि वह तीन महीने की गर्भवती है। शुक्रवार को महिला को पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई और उसे महिला ज़िला अस्पताल ले जाया गया। उसे वहीं भर्ती कराया गया था। रविवार सुबह क़रीब 11 बजे महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दोपहर 2 बजे के बाद उसे फिर से पेट में दर्द की शिकायत हुई।' उन्होंने कहा था कि रविवार देर शाम तक महिला एकदम ठीक थीं।

यह मामला योगी सरकार के 'लव जिहाद' के कारण पहले से ही चर्चा में था। योगी सरकार के इस धर्मांतरण विरोधी क़ानून को ‘लव जिहाद’ के तौर पर देखा जा रहा है।

वैसे, ‘लव जिहाद’ की कोई परिभाषा नहीं है, लेकिन दक्षिणपंथी इसे इस तरह से पेश करते हैं कि ‘मुसलिम भोली-भाली हिंदू लड़कियों को जाल में फँसाकर शादी रचाते हैं और उनका धर्मांतरण करा लेते हैं’। लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार की तरफ़ से भी आधिकारिक रूप से यह नहीं कहा गया है कि देश में ‘लव जिहाद’ का कोई मामला आया है।

इसके बावजूद योगी सरकार इस ‘लव जिहाद’ पर सख़्त रूख अपनाए हुए है। 'लव जिहाद' के हो हल्ले के बीच ही जब से 28 नवंबर को ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण अध्यादेश आया है तब से इस पर सवाल उठता रहा है।

इसकी यह कहकर आलोचना की जा रही है कि लव जिहाद के नाम पर एक ख़ास समुदाय को प्रताड़ित किया जाएगा।