आईपीसी और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उम्रकैद का सामना कर रहे गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को मंगलवार तड़के पेट में दर्द की शिकायत के बाद बांदा में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने उनके परिवार को फौरन बांदा बुला लिया। परिवार अंसारी की हत्या की साजिश का आरोप लगा रहा है। इससे पहले जेल में आरजेडी नेता शहाबुद्दीन (सीवान) की मौत और इलाहाबाद में पूर्व सांसद अतीक अहमद की पुलिस कस्टडी के दौरान खुलेआम हत्या का हवाला दिया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के बुलेटिन के मुताबिक, अंसारी को यूटीआई इन्फेक्शन (पेशाब नली में संक्रमण) का पता चला है और उन्हें अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने एक्स पर लिखा- “मेरे पिता मुख्तार अंसारी साहब को एक घंटे पहले ही बांदा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत बेहद गंभीर है। कृपया उनके लिए दुआ करें।”
अंसारी के वकील नसीम हैदर के अनुसार, मुख्तार को बोलने में परेशानी हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी है जबकि उनकी कुछ रिपोर्ट अभी लंबित हैं। अंसारी को सोमवार-मंगलवार देर रात करीब एक बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस बीच, अंसारी के भाई और गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने अपने भाई मुख्तार की हत्या की साजिश का आरोप लगाया। अफजाल ने कहा- मुख्तार अंसारी की हत्या की साजिश रची जा रही है, ये साजिश कई दिनों से चल रही है। परिवार ने कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है कि मुख्तार अंसारी को किसी दूसरे राज्य में रखा जाए और मुकदमा वहीं चलाया जाए। हर किसी की मौत का एक दिन तय है लेकिन शैतान उन्हें मारने की कोशिश कर रहा है।''
मुख्तार अंसारी ने अदालत में दायर एक आवेदन में कहा, "...19 मार्च की रात को जेल के अंदर मेरे खाने में जहर मिला दिया गया था, जिसके बाद मेरी तबीयत खराब हो गई... मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरा दम घुट जाएगा।"
अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विशेष रूप से, यह घटनाक्रम अंसारी के उस दावे के कुछ दिनों बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने बाराबंकी की एक अदालत के सामने दावा किया था कि उन्हें बांदा जेल के अंदर जहरीला खाना खिलाया गया था। अंसारी की सुरक्षा में लापरवाही बरतने पर जेलर और दो डिप्टी जेलर को भी निलंबित कर दिया गया है।
उस समय अंसारी की स्वास्थ्य जांच करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें रमज़ान के महीने में रोज़े के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था और उन्हें दवाएँ दी गई थीं। हालाँकि, जेल अधिकारियों ने अंसारी के दावों को खारिज कर दिया है और कहा है कि सभी कैदियों ने एक ही खाना खाया और उनमें से कोई भी बीमार नहीं पड़ा।
अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत की जालसाजी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत उम्रकैद और धारा 420 (धोखाधड़ी) और 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत सात साल की सजा सुनाई गई थी। आईपीसी की शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत 6 महीने की कैद की सजा भी सुनाई गई थी।
मुख्तार अंसारी मुख्यरूप से बसपा और सपा में रहे। वो कई बार विधायक और सांसद बने। उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता योगी आदित्यनाथ से उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले से चल रही थी। मुख्तार अंसारी का बेटा उमर अंसारी इस समय सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से विधायक है। सुभासपा एनडीए का हिस्सा है और इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री हैं। मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी सपा में हैं।