उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार रात को मौत हो गई। इससे एक दिन पहले ही पत्रकार ने अपनी एक रिपोर्ट से शराब माफिया के नाराज़ होने और उससे जान के ख़तरे की आशंका जताई थी। इसको लेकर उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी। हालाँकि अब प्रतापगढ़ पुलिस ने कहा है कि पत्रकार की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है। लेकिन सोशल मीडिया पर तो उनकी मौत पर सवाल उठाया ही जा रहा है, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी शराब माफिया से पत्रकारों को ख़तरे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
यह मामला प्रतापगढ़ में एबीपी न्यूज़ और एबीपी गंगा से जुड़े पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव का शव मिलने का है। उनकी मौत संदिग्ध परिस्थिति में होना क्यों बताया जा रहा है और उन्होंने एक दिन पहले सुरक्षा की मांग करते हुए क्या लिखा था, यह जानने से पहले पुलिस की प्रतिक्रिया को पढ़िए। प्रतापगढ़ पुलिस ने अपना बयान ट्विटर पर पोस्ट किया है।
प्रतापगढ़ पुलिस ने इस बयान में कहा है, 'श्रीवास्तव मीडिया कवरेज के बाद रविवार रात क़रीब 11 बजे अपनी मोटरसाइकिल पर लौट रहे थे। वह एक ईंट भट्टे के पास अपनी मोटरसाइकिल से गिर गये। कुछ मज़दूरों ने उन्हें सड़क से उठाया और फिर उनके दोस्तों को फोन करने के लिए उनके फोन का इस्तेमाल किया। उन्हें ज़िला अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।'
पुलिस ने यह भी कहा कि प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि श्रीवास्तव की 'बाइक सड़क के किनारे एक हैंडपंप से टकराने के बाद गिर गई।' हालाँकि इसके साथ पुलिस ने यह भी कहा है कि वे मामले में अन्य कोणों से भी जाँच कर रहे हैं।
लेकिन पुलिस के इस बयान से एक दिन पहले उनके द्वारा उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर जताई गई आशंका संदेह पैदा करता है। उन्होंने घटना से एक दिन पहले ही यानी 12 जून को पुलिस को लिखे पत्र में अपनी जान और परिवार की सुरक्षा को लेकर ख़तरे की आशंका जताई थी। सोशल मीडिया पर सुलभ श्रीवास्तव का एक कथित ख़त वायरल हुआ है जो उन्होंने पुलिस को अपनी सुरक्षा के लिए लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा है कि 9 जून को उनकी रिपोर्ट से एक शराब माफिया नाराज़ है। उन्होंने तो यहाँ तक लिखा कि जब भी वह घर से निकलते हैं तो लगता है कि उनका कोई पीछा कर रहा है।
इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सुलभ श्रीवास्तव की मौत का मामला उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक पूरे प्रदेश में मौत का तांडव कर रहे हैं और सरकार चुप है। उन्होंने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा।
घटना को संदिग्ध इसलिए भी बताया जा रहा है क्योंकि सुलभ के शव की तसवीर पर संदेह जताया जा रहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 'दुर्घटना' के स्थान पर ली गई तसवीर में पत्रकार को जमीन पर लेटा हुआ दिखाया गया है, जिसके चेहरे पर चोट के निशान हैं। ऐसा लगता है कि उसके कपड़े उतार दिए गए थे- उसकी शर्ट लगभग पूरी तरह से हटा दी गई थी और उसकी पतलून को खोलकर नीचे खींच लिया गया था।