उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक लगातार आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं। इस कड़ी में आज आयकर विभाग ने आगरा के तीन जूता निर्यातकों पर छापा मारा। ये तीनों कथित तौर पर अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं। एक दिन पहले ही आयकर विभाग ने आयकर यानी आईटी विभाग दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट कंपनी एसीई ग्रुप और उसके प्रमोटर अजय चौधरी के व्यावसायिक परिसरों की तलाशी ली है। उन्हें भी समाजवादी पार्टी के क़रीबी के तौर पर जाना जाता है।
ताज़ा मामला आगरा का है। जूता निर्यातकों में से दो लाजपत कुंज निवासी विजय आहूजा और मनु अलघ हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मनु अलग को अखिलेश यादव का दोस्त बताया जाता है और वह उनके सहपाठी भी थे। इन दोनों के अलावा जूता कारोबारी मानसी चंद्रा के विजय नगर स्थित आवास पर भी छापेमारी की गई है। मानसी के भी संबंध अखिलेश यादव से बताए जाते हैं।
आगरा में इन तीनों जगहों पर एक साथ सुबह साढ़े सात बजे छापेमारी शुरू हुई। रिपोर्ट के अनुसार, घर के सभी लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए और घरों को अंदर से सील कर दिया गया। घरों के बाहर गार्ड तैनात थे। अभी तक इन छापों में क्या मिला, इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है।
इससे एक दिन पहले रियल एस्टेट कंपनी एसीई ग्रुप और उसके प्रमोटर अजय चौधरी के व्यावसायिक परिसरों की तलाशी गई।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, आयकर विभाग और जीएसटी अधिकारियों द्वारा कई व्यापारियों के परिसरों की तलाशी के बाद से सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी सपा के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है।
पिछले महीने जीएसटी अधिकारियों ने कानपुर और कन्नौज में एक इत्र व्यापारी पीयूष जैन के परिसरों की तलाशी ली थी। विभाग ने कहा था कि कन्नौज के मालिक पीयूष जैन से जुड़े ठिकानों की तलाशी में कुल 197.49 करोड़ रुपये नकद, 23 किलोग्राम सोना और कुछ क़ीमती आपत्तिजनक सामान कथित तौर पर बरामद किए गए थे।
बीजेपी के नेताओं ने उस इत्र कारोबारी के संबंध समाजवादी पार्टी से होने का आरोप लगाया। बाद में समाजवादी पार्टी ने उस इत्र कारोबारी के बीजेपी का क़रीबी होने का दावा किया।
इस बीच इस तरह के आरोप लगाए जाने लगे कि क्या वह कार्रवाई ग़लत पहचान का मामला है। इन्हीं आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सफ़ाई आई और उन्होंने कहा था कि वह पैसा बीजेपी का नहीं है।
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि यह पीयूष जैन थे जिन्होंने हाल ही में समाजवादी इत्र लॉन्च किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दल पर कटाक्ष करते हुए पिछले महीने कानपुर में कहा था कि 'नोटों से भरे डिब्बे निकल आए हैं। कानपुर के व्यापारी इस धंधे को अच्छी तरह समझते हैं। 2017 से पहले भ्रष्टाचार का जो इत्र उन्होंने पूरे उत्तर प्रदेश में छिड़का था उसे सभी देख सकते हैं।'
बीजेपी के इन आरोपों पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के पुष्पराज जैन के साथ व्यापारी पीयूष जैन को घालमेल कर दिया था। उन्होंने कहा कि पुष्पराज जैन ने उनकी पार्टी के नाम पर इत्र लॉन्च किया था। पीयूष जैन के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ग़लती से अपने ही व्यवसायी पर छापा मार दिया।