अंतरधार्मिक शादी करने पर युवक के पूरे परिवार और रिश्तेदार को जेल में डाल दिया गया। दरअसल, शादी करने वाले युवक-युवती उत्तर प्रदेश से भाग गए थे और दोनों को पुलिस नहीं ढूंढ पा रही थी। सवाल है कि आख़िर दोनों क्यों भाग गए थे? यह अकेला मामला नहीं है जहाँ अंतरधार्मिक शादी करने वाले या शादी करने के लिए उत्तर प्रदेश से भाग गए। आख़िर ऐसे जोड़ों को उत्तर प्रदेश को छोड़ना क्यों पड़ रहा है?
क्या यह इसलिए है कि उत्तर प्रदेश में अंतरधार्मिक विवाह अब एक डरावना सपना हो गया है? दोस्त की एक पार्टी से साथ लौट रहे हिंदू और मुसलिम युवक व युवती पर ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून लगाने का क्या संदेश है? ऐसी ही शादी के एक अन्य मामले में लड़की द्वारा गर्भपात का आरोप लगाया गया। युवक और उसके भाई को जेल में डाला गया था। यूपी में क़रीब-क़रीब हर जगह ऐसे युवक-युवतियों पर नज़र रखे जाने का मामला आ रहा है।
रिपोर्टों के अनुसार, हिंदू-मुसलिम जोड़ों पर हर जगह नज़र रखी जा रही है। ये नज़र रखने वाले पड़ोसी हो सकते हैं, मकान मालिक हो सकते हैं, मंदिर के व्यवस्थापक से लेकर मैरेज रजिस्ट्रेशन अफ़सर और यहाँ तक कि वकील भी हो सकते हैं। हर स्तर पर एक ख़ुफ़िया बैठा हुआ है यानी ऐसी जानकारी देने वालों का एक पूरा तंत्र खड़ा हो गया है। इसका क्या नतीजा निकलेगा?
एटा ज़िले में क़रीब एक महीने पहले 21 वर्षीय युवती घर से चली गई थी। कथित तौर पर उसने धर्मांतरण कर लिया और एटा ज़िले के ही जलेसर में जावेद अंसारी से शादी कर ली। लड़की के पिता की रिपोर्ट के आधार पर 17 दिसंबर को एफ़आईआर दर्ज की गई। जलेसर पुलिस ने ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून के तहत मुक़दमा दर्ज किया है। युवक-युवती नहीं मिले तो युवक के परिवार के कम से कम 14 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। अब आख़िरकार पुलिस लड़की को दिल्ली से ढूंढकर वापस ले आई है।
कई और मामले हैं जिनमें युवक और युवती डर कर उत्तर प्रदेश छोड़ चुके हैं। ऐसा ही एक मामला वाराणसी के पास एक शहर का है।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, 22 साल की एक हिंदू लड़की (अब 26 साल) का एक मुसलिम लड़के के बीच संबंध था। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने क़रीब 4 साल से अपने परिजनों को मनाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। अब इस डर से कि कहीं उनके परिजन आरोप न लगा दें और गिरफ़्तारी न हो जाए, दोनों उत्तर प्रदेश से भाग गए। रिपोर्ट के अनुसार, युवती ने कहा, 'जब मेरे माता-पिता को युवक के बारे में पता चला, तो मुझे मेरे कमरे के अंदर बंद कर दिया गया, घर में हर संभव जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए थे...।' दोनों ने तब दिल्ली में एक घर किराए पर लिया, विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए आवेदन किया।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा ही एक जोड़ा यूपी के ही एक छोटे से शहर का है। 24 वर्षीय मुसलिम युवक और 23 वर्षीय हिंदू लड़की चार साल पहले एक कॉलेज में मिले थे। मुसलिम युवक ने कहा, 'दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मेरी जान के पीछे पड़े थे।' उन्होंने कहा कि लेकिन वे तब छोड़ कर नहीं जा सकते थे। उन्होंने कहा, 'मैं चिंतित था कि वे मेरे माता-पिता के पीछे पड़ जाएँगे। मुझे उसके परिवार से माफ़ी मांगने और संबंध ख़त्म करने का वादा करवाया गया था। लेकिन हमने वास्तव में संबंध ख़त्म नहीं किए थे।' लेकिन फिर धर्मांतरण विरोधी क़ानून आया और उन्हें योजना बदलनी पड़ी। वह कहते हैं, 'हम यूपी के बाहर शादी करेंगे और यदि ज़रूरी हो तो मैं हिंदू धर्म में परिवर्तित हो जाऊँगा। हम अदालत से सुरक्षा चाहते हैं।'
देखिए, वीडियो चर्चा, लव जिहाद- निशाने पर फिर कौन?
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा ही शाहजहाँपुर के एक युवक और युवती ने किया। 21 वर्षीय युवती ने कहा, 'जब मेरे माता-पिता को पता चला तो उन्होंने मेरे फ़ोन से सिम निकाल दी, मुझे प्रताड़ित किया, यहाँ तक कि मुझे उस युवक से शादी करने पर जान से मारने की धमकी दी।' वे भाग गए और दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई। 25 वर्षीय युवक ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हम वापस जा पाएँगे।'
इस महीने की शुरुआत में पुलिस ने मेरठ के एक हिंदू युवक और एक मुसलिम महिला को वापस लाया, जिन्होंने भाग कर ऋषिकेश में शादी कर ली थी।
हालाँकि अंतरधार्मिक शादी करने में डर पहले भी रहता था, लेकिन जब से जनप्रतिनिधियों के स्तर पर 'लव जिहाद' का हंगामा खड़ा किया गया है तब से लगता है यह डर काफ़ी ज़्यादा बढ़ा है।
योगी आदित्यनाथ ने एक नवंबर को 'लव जिहाद' का ज़िक्र करते हुए कहा था कि जो कोई भी हमारी बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करेगा उसकी 'राम नाम सत्य है' की यात्रा अब निकलने वाली है। हालाँकि उन्होंने अपने बयान में किसी धर्म का नाम नहीं लिया था, लेकिन इस बयान से उनका इशारा साफ़ था और यह भी कि इसके परिणाम क्या होंगे।
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार का भी जोर इस ओर रहा। पिछले महीने नवंबर के आख़िर में ही योगी सरकार जबरन धर्मांतरण पर अध्यादेश ले आई।
जिस 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल किया गया है, वह दरअसल बहुत ही विवादास्पद शब्द है। इसको लेकर सरकारी तौर पर ऐसी कोई रिपोर्ट या आँकड़ा नहीं है जिससे इसके बारे में कोई पुष्ट बात कही जा सके।