फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद साहब पर बने कार्टून के बाद हुई हत्या की घटना के कारण दुनिया भर में माहौल तनावपूर्ण है। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में शिक्षक की हत्या के सवाल पर मशहूर शायर मुनव्वर राणा के बयान को लेकर भी विवाद हो रहा है। अब लखनऊ पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है।
राणा ने हिंसा को जायज ठहराते हुए कहा था, 'मैं भी होता तो वही करता।' बता दें कि इतिहास के प्रोफ़ेसर पैटी ने अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लेक्चर देने के दौरान शार्ली एब्दो के पैगंबर मुहम्मद साहब पर बने कार्टून दिखाए थे। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
राणा ने कहा था, ‘अगर अभी कोई शख़्स मेरे बाप का कोई ऐसा कार्टून बना दे गंदा, मेरी मां का कोई ऐसा गंदा कार्टून बना दे तो हम तो उसको मार देंगे।’
राणा के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153ए सहित कई अन्य धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है। इनमें कहा गया है कि राणा ने धर्म के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया है।
इस हिंसा के बाद से फ्रांस में इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर आतंकी हमला बताया जा रहा है तो मुसलिम देश इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बता रहे हैं। शार्ली एब्दो का विवाद 2011 में पहली बार तब सामने आया था जब उसने मुहम्मद साहब के कार्टून छापे थे। शार्ली एब्दो एक फ्रांसीसी व्यंग्य छापने वाली साप्ताहिक पत्रिका है।
शिक्षक की हत्या के बाद फ्रांस के ही नीस शहर में एक चर्च में आतंकी हमले में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और कई लोगों को घायल कर दिया गया। इस मामले में फ्रांस और मुसलिम देश एक-दूसरे के ख़िलाफ़ आ गए हैं।
डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुनव्वर राना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि फ्रांस के लिए उनका समर्थन यूरोपीय देश के साथ राफ़ेल सौदे के कारण है। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में हाल ही में एक चर्च के अंदर नीस में हुए जघन्य हमले व आतंकी कृत्यों की निंदा की थी।
देखिए वीडियो, इस्लाम के नाम पर हत्या जायज कैसे
हालांकि, 'आज तक' के साथ बातचीत में उन्होंने हिंसा को जायज ठहराने की बात से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि मजहब एक ख़तरनाक खेल है और इससे आदमी को दूर रहना चाहिए।
बता दें कि फ़्रांस में ताज़ा हिंसा के बाद तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, सऊदी अरब समेत कई देशों ने फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार की अपील कर दी है। इसके अलावा तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब अर्दोवान ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों पर निजी हमला करते हुए उन्हें ‘मानसिक रोग का इलाज कराने’ की सलाह तक दे डाली है।
दुनिया के कई मुसलिम-बहुल देशों में जनता ने सड़कों पर उतर कर फ्रांस का विरोध किया है। पाकिस्तान और ईरान की संसद में प्रस्ताव पारित कर फ्रांस की निंदा की गई है।