यूपी: योगी जी, भर्ती निकले बिना लेखपाल कैसे बन गए दुर्गेश?

10:34 pm Mar 12, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

उत्तर प्रदेश में एक बड़ा ग़ज़ब का कारनामा हुआ है और इसे लेकर लोग ख़ूब चटखारे भी ले रहे हैं। हुआ ये है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफ़िस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ दिन पहले दुर्गेश चौधरी नाम के शख़्स का वीडियो जारी किया गया। इस वीडियो में दुर्गेश ने कहा था कि वह योगी सरकार को धन्यवाद देते हैं कि राजस्व लेखपाल की चयन प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता के साथ हुई और यह अंतिम पड़ाव तक पहुंची। 

दुर्गेश ने यह भी कहा था कि उन्हें इस विभाग में नौकरी मिलने के बाद काफी कुछ सीखने को मिला और सरकार बहुत अच्छी योजनाएं चला रही है। 

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार इन दिनों ‘काम दमदार-योगी सरकार’ नाम से अभियान चला रही है। इसके तहत दावा किया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछले चार साल में बहुत ज़्यादा काम हुआ है। इसी अभियान के तहत 4 साल में 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बात भी कही जा रही है। यह वीडियो भी इसी अभियान के तहत जारी किया गया था। 

लेकिन जैसे ही यह वीडियो जारी हुआ उत्तर प्रदेश के युवाओं ने माथा पकड़ लिया। क्योंकि योगी सरकार के कार्यकाल में तो लेखपाल की कोई भर्ती ही नहीं निकली है। देखते ही देखते पूरे प्रदेश के युवा योगी सरकार पर पिल पड़े और पूछा- सरकार बताए कि ऐसी भर्ती का विज्ञापन आख़िर कब जारी किया गया था। जब इसे लेकर अंधाधुंध सवाल पूछे गए तो योगी सरकार भी सकपका गई और उसकी हालत काटो तो खून नहीं वाली हो गई। 

जब किरकिरी बहुत ज़्यादा हो गई तो योगी सरकार को ट्वीट डिलीट करना पड़ा। लेकिन तब तक लोग इस वीडियो को डाउनलोड कर अपने पास ले चुके थे और इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी ले लिया था।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री का यह स्तर है? आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी को अपना नाम भारतीय झुट्ठा पार्टी रख लेना चाहिए। समाजवादी पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री छात्रों को भ्रमित करने के लिए माफी मांगें। 

इसके बाद जब दुर्गेश का एक और वीडियो सामने आया तो इसे लेकर और तलहका मच गया। इस वीडियो में दावा किया गया कि दुर्गेश मोटरसाइकिल से नेपाल की ओर भाग गया है। 

हद हो गई!

ऐसा नहीं है कि योगी आदित्यनाथ के ऑफ़िस से यह काम अनजाने में हुआ। बाक़ायदा दुर्गेश से संपर्क कर उसका वीडियो शूट किया गया है और फिर उसे एडिट कर मुख्यमंत्री का ट्विटर संभालने वालों को भेजा गया और इसे ट्वीट करवाया गया। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा आख़िर हुआ कैसे। 

दुर्गेश चौधरी।

बिना लेखपाल की भर्ती आए किसी शख़्स से ये क्यों कहलवा दिया गया कि उसे लेखपाल की नौकरी मिल गयी है और वह उस विभाग में काम कर रहा है। क्यों उसका वीडियो ट्वीट करवाया गया। 

मोहम्मद रियाज़ का मामला 

लेकिन दुर्गेश चौधरी का मामला ही अकेला नहीं है। मोहम्मद रियाज़ नाम के शख़्स का भी ऐसा ही एक वीडियो बनाकर योगी आदित्यनाथ के ऑफ़िस के ट्विटर हैंडल पर जारी कर दिया गया लेकिन यह भी उल्टा पड़ गया। गोरखपुर के रहने वाले रियाज़ ने इस वीडियो में कहा था कि उन्हें पैसे कमाने के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ा और उन्हें गांव में ही रोज़गार मिल गया। रियाज़ ने इसमें योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया था कि उनकी सरकार की योजना से उन्हें बहुत फ़ायदा मिला। 

लेकिन रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह से बातचीत में मोहम्मद रियाज़ ने कहा है कि वह पोल्ट्री फ़ॉर्म चलाते हैं और इसके लिए उन्हें समाजवादी पार्टी की सरकार में लोन मिला था और यह अखिलेश सरकार की एक योजना के तहत मिला था। रियाज़ ने आगे कहा है कि पोल्ट्री फ़ॉर्म वाली बात वह दूरदर्शन के लिए कह चुके हैं। वह योगी सरकार के चार लाख नौकरियों के दावे पर कहते हैं कि उन्हें कोई सरकारी नौकरी नहीं मिली है। इसलिए योगी सरकार के रोज़गार देने का दावा इस मामले में भी झूठा साबित हो गया है। इससे सिर्फ़ यही पता चलता है कि योगी आदित्यनाथ के ऑफ़िस में बैठे लोग ख़ासकर सोशल मीडिया संभालने वाले लोग आंख-कान बंद करके काम कर रहे हैं। 

योगी सरकार 4 लाख सरकारी नौकरियां देने की बात कर रही है लेकिन युवाओं ने उसे जिस तरह घेरा हुआ है, उससे माहौल पूरी तरह उसके ख़िलाफ़ बन चुका है।

रोज़गार को लेकर घिरी हुई है सरकार

कुछ दिन पहले युवाओं ने रोज़गार के मुद्दे पर मोदी और योगी सरकार को निशाने पर लिया था और ट्विटर पर मोदी_रोज़गार_दो, #modi_rojgar_do, #मोदी_मतलब_देश_चौपट और #cgl19marks हैशटैग पर लाखों ट्वीट किए थे। धुआंधार ट्वीट्स के चलते #modi_rojgar_do कई घंटों तक 1 नंबर पर ट्रेंड करता रहा था। 

इसमें शामिल उत्तर प्रदेश के हज़ारों युवाओं ने सरकार से प्राइवेट टीचर्स की भर्ती निकालने की मांग की थी। युवाओं का कहना था कि लगभग 10 लाख छात्र नौकरियों के इंतजार में हैं। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश का युवा टीईटी, सीटीईटी पास करके बेरोजगार और भूखा घूम रहा है। उन्होंने सरकार को चेताया था कि अगर वह सत्ता में बने रहना चाहती है तो प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करे।