यूपी: ज़्यादा प्रभावित जिलों में पूर्ण लॉकडाउन पर हो विचार- हाई कोर्ट

04:56 pm Apr 14, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के तेज़ गति से बढ़ते मामलों के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह ऐसे जिलों में जहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहां पर पूर्ण लॉकडाउन लगाने को लेकर विचार करे। उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों में ही संक्रमण ने रफ़्तार पकड़ी है और बीते दिन 18 हज़ार से ज़्यादा नए मामले सामने आए हैं। 

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार ने मंगलवार को राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह ऐसे सभी कार्यक्रमों पर रोक लगाए जिनमें 50 लोगों की भीड़ इकट्ठी होती हो। अदालत ने कहा कि नाइट कर्फ्यू बहुत छोटा क़दम है और यह केवल रात को होने वाली पार्टियों और रमज़ान और नवरात्रि में होने वाले बड़े धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा सकता है। 

अदालत ने कहा है कि सभी जिलों को राज्य सरकार की ओर से 11 अप्रैल को जारी कई गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करना चाहिए। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ज़्यादा प्रभावित इलाक़ों में खुली जगह का अधिग्रहण करे वहां एक कामचलाऊ अस्पताल बनाए। 

अदालत ने ये बातें उस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहीं जिसमें कहा गया था कि राज्य में पब्लिक मूवमेंट को 10 दिन के लिए रोक दिया जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि अगर जीवन बचा रहेगा तो कोई भी व्यक्ति पैसा फिर से कमा सकता है और अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकता है। 

सीएम योगी भी पॉजिटिव 

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तेज़ रफ़्तार के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज और वाराणसी सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। मंगलवार को लखनऊ में 5382, प्रयागराज में 1856, कानपुगर नगर में 1271 और वाराणसी में 1404 मामले सामने आए हैं। 

कोलकाता हाई कोर्ट सख़्त 

दूसरी ओर, कोलकाता हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजनीतिक दलों के द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रचार में कोरोना की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन कराया जाना चाहिए। 

जस्टिस टीबीएन राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजित बनर्जी की बेंच ने इस संबंध में दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सभी जिलाधिकारी व मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कराएं और उन्हें ज़रूरत हो तो पुलिस का सहयोग लें। 

बेंच ने कहा कि हम असाधारण हालात का सामना कर रहे हैं और यह वक़्त बड़े क़दम उठाने का है। अदालत ने कहा कि जो लोग कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन नहीं करते हैं, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए। 

बेंच ने कहा, “कुछ लोगों के गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से समाज के बाक़ी लोगों की जान को ख़तरे में डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”

बेंच ने आदेश दिया कि सभी सोशल गैदरिंग में मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए, सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो करवाया जाए। बेंच ने प्रशासन से कहा कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि बड़ी सभाएं न हों। 

बंगाल में 20 गुना उछाल

चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामलों में 20 गुना उछाल आया है। पश्चिम बंगाल में 10 मार्च को कोरोना के 241 मामले थे जबकि 13 अप्रैल को ये आंकड़ा 4,817 पर पहुंच गया। राज्य में अब तक 10,434 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। इनमें से कोलकाता खासा प्रभावित है और वहां 1,271 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा उत्तरी 24 परगना में 1,134 मामले सामने आए हैं। राज्य में जब 29,050 एक्टिव मामले हैं।

राज्य में अभी 13 दिन और चुनाव प्रचार होना है, ऐसे में अगर सावधानी नहीं बरती गयी तो हालात बिगड़ सकते हैं।