महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में सीबीआई ने दर्ज की एफ़आईआर 

12:54 pm Sep 24, 2021 | सत्य ब्यूरो

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही इसने यूपी पुलिस से इस केस को अपने हाथ में ले लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीबीआई जाँच की सिफारिश किए जाने के बाद इसकी मंजूरी मिल चुकी है और एजेंसी ने जाँच भी शुरू कर दी है। इससे पहले योगी सरकार ने 18 सदस्यीय एसआईटी जाँच का गठन किया था। महंत की मौत के बाद कथित सुसाइड नोट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके दो क़रीबी शिष्यों सहित तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है।

महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को प्रयागराज में बाघंबरी गद्दी मठ के अपने कमरे में मृत पाए गए थे। वह भारत में साधुओं के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे। घटना की जगह से कथित तौर पर एक सुसाइड नोट भी मिला है और उसमें उनके क़रीबी शिष्य आनंद गिरि का ज़िक्र है। पहले दोनों के बीच काफ़ी ज़्यादा अनबन भी हुई थी। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि नरेंद्र गिरि की मौत फांसी के कारण दम घुटने से हुई है।

यूपी पुलिस की एक जाँच के अनुसार, 72 वर्षीय महंत को आख़िरी बार सोमवार दोपहर भोजन के बाद अपने कमरे में प्रवेश करते देखा गया था। शाम को जब उनके शिष्यों ने दरवाजा खटखटाया, तो कोई जवाब नहीं मिला था। दावा किया गया है कि उनके सेल फोन पर बार-बार कॉल का भी जवाब नहीं मिला तो उनके शिष्य दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसे। उन्होंने महंत को छत से फांसी पर लटका पाया।

पुलिस का कहना है कि घटनास्थल से कथित तौर पर सुसाइड नोट भी बरामद किया गया। उसमें कई लोगों पर कथित तौर पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक़ आठ पन्नों के लंबे सुसाइड नोट में लिखा है, 'मैं मर्यादा के साथ जिया, अपमान के साथ नहीं जी पाऊँगा, इसलिए खुद की जान ले रहा हूँ।'

यूपी पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में तीन लोगों- दो शिष्यों आनंद गिरि और आध्या प्रसाद और संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया है।

सीबीआई की यह प्राथमिकी तब दर्ज की गई है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले इसकी सिफारिश की थी। सरकार पर केंद्रीय जाँच एजेंसी से जाँच कराने के लिए काफ़ी ज़्यादा दबाव था।

इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नरेंद्र गिरि की मौत की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की थी। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का गला घोंट दिया गया है। उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी। 

कांग्रेस ने भी ऐसी ही जांच की मांग की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्य पार्टी प्रमुख अजय कुमार लल्लू के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच की देखरेख में सीबीआई द्वारा मामले की जांच कराने पर ही सच्चाई सामने आएगी।

इस बीच योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा था कि दोषी बख्शा नहीं जाएगा।