सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान की जमानत के मामले में अब तक फैसला न आने पर नाराजगी जताई।
जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि चूंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज़म खान की जमानत याचिका के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है इसलिए वह इस मामले में 11 मई को सुनवाई करेगी। अदालत ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि हाई कोर्ट को आज़म खान की जमानत याचिका के मामले में आदेश पास करने का वक्त मिल जाए।
बेंच ने कहा कि ऐसे वक्त में जब आदेश सुरक्षित कर लिया गया है तो वह कोई आदेश नहीं दे सकती इसलिए हाई कोर्ट को आदेश देने दिया जाए। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में 5 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जस्टिस राव ने कहा, “अब फैसले को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। 137 दिन हो गए हैं और अब तक कोई आदेश पास नहीं हुआ है। उन्हें 86 मामलों में जमानत मिल गई है। अभी एक मामला है। यह न्याय के साथ मजाक है। हम अभी इतना ही कह सकते हैं। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम कुछ और कहेंगे।”
जस्टिस राव ने कहा कि हम हाई कोर्ट को 2 दिन का मौका और देते हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत याचिका लंबित होने के कारण आज़म खान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। लेकिन तब उन्हें जमानत नहीं मिल सकी थी और शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह हाई कोर्ट जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा था कि वह याचिकाकर्ता की बातों को सुने और जल्द से जल्द इस मामले का निस्तारण करे।
दो साल से हैं जेल में
बता दें कि आज़म खान 26 फरवरी 2020 से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ दर्ज बाकी मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है लेकिन अभी भी तीन मामले ऐसे हैं जो भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के हैं और इनमें जमानत मिलनी बाकी है। आज़म खान की ओर से आरोप लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार इन मामलों में सुनवाई को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है।
एमपी एमएलए की विशेष अदालत ने 27 जनवरी 2022 को आज़म खान की जमानत याचिका रद्द कर दी थी। आज़म खान ने इस बार जेल में रहते हुए ही समाजवादी पार्टी के टिकट पर अपनी सीट रामपुर से चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत मिली थी।
क्या करेंगे आज़म?
आज़म खान को लेकर बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासत भी गर्म है और कहा जा रहा है कि जेल से आने बाहर आने के बाद वह कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
आज़म खान के कई समर्थकों ने बीते दिनों समाजवादी पार्टी से इस्तीफ़ा दिया है और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने आज़म खान की रिहाई के लिए संघर्ष नहीं किया।