समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संकेत दिए हैं कि वह आजमगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से लोकसभा के सांसद हैं। बुधवार को लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मीडिया इदारों में यह खबर तेजी से चली कि सपा मुखिया विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं।
दिन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि वह आजमगढ़ की जनता से अनुमति लेकर ही चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने बात को साफ करते हुए कहा कि आजमगढ़ की जनता से अनुमति इसलिए लेनी पड़ेगी क्योंकि वहां के लोगों ने उन्हें चुनाव जिताया है। अखिलेश यादव ने कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। अगर वह मैदान में उतरेंगे तो यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा।
अखिलेश यादव ने अपने भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने पर उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर समाजवादी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया जाएगा। जिसके तहत जरूरतमंदों को हर साल 18 हजार रुपये दिए जाएंगे।
गोरखपुर से लड़ेंगे योगी
कुछ दिन पहले ही बीजेपी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनाव लड़ाने का एलान किया था। योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। जबकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि अखिलेश यादव ने पहले कहा था कि वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन बदले राजनीतिक हालात में वह मैदान में उतरने के लिए तैयार हो गए हैं।
अखिलेश यादव जिस भी सीट से चुनाव लड़ेंगे निश्चित रूप से उसके आसपास की सीटों पर समाजवादी पार्टी को उनके कद का फायदा मिलेगा। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी, इस बारे में पार्टी पहले ही बता चुकी है।
जबकि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे, यह लगभग तय है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन और बीजेपी गठबंधन के बीच में जोरदार और तगड़ा सियासी मुकाबला हो रहा है। तमाम चुनावी सर्वे इसी बात को बता रहे हैं।